प्रतापगढ़ में खौफनाक भीड़तंत्र! चोरी के शक में लाइनमैन को गांववालों ने मार-मारकर किया अधमरा, हालत नाजुक, स्वरूप रानी प्रयागराज रेफर
प्रतापगढ़ | उत्तर प्रदेश। जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज थाना क्षेत्र के राजापुर गांव में गुंडागर्दी की सारी हदें पार कर दी गईं। चोरी के संदेह में भीड़ ने एक बेकसूर लाइनमैन को इतनी बेरहमी से पीटा कि वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
घटना गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात करीब 1 बजे की है। विश्वनाथगंज के मान्धाता मोड़ निवासी सद्दाम हुसैन, जो देल्हूपुर पावर हाउस में लाइनमैन के पद पर तैनात है, किसी कार्य से राजापुर तिराहे के पास पहुँचा था और लघुशंका के लिए रुका।
तभी वहां कुछ ग्रामीण पहुंचे और चोरी का आरोप लगाकर उसकी पिटाई शुरू कर दी। लोगों ने उसे घसीट-घसीटकर मारा, डंडों से पीटा, लात-घूंसे बरसाए, और उसे निर्जीव समझकर छोड़ दिया।किसी ने पुलिस को सूचना दे दी पुलिस पहुंची घायल युवक को आनन फानन में उपचार के लिए अपनी वाहन से ले गई।
ग्रामीणों का कहना है कि सद्दाम के साथ तीन और युवक थे जो एक दुकान का शटर उठाकर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे,कुछ ने कहा दुकान के लेकिन भीड़ देखकर भाग निकले।सद्दाम को ग्रामीणों ने पकड़ लिया
भीड़ की हैवानियत या इंसाफ का नया चेहरा?
भीड़ का यह रूप न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज के भीतर पनप रही गुंडई मानसिकता को भी उजागर करता है।
पिछले हफ्ते शहर में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एक युवक को दबंगों ने जानवरों की तरह पीटा और वीडियो वायरल हुआ।
अब सवाल ये है —
क्या अब भीड़ ही फैसला सुनाएगी?
कानून हाथ में लेने वालों को कौन रोकेगा?
अगर पीटने वाला बेकसूर निकला तो क्या भीड़ हत्या के प्रयास की दोषी नहीं होगी?
परिजन : प्रशासन के लिए यह सिर्फ एक घटना नहीं, चेतावनी है!
दोषियों की पहचान कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई ज़रूरी है ताकि भीड़ को कानून बनने से रोका जा सके।
फिलहाल घायल सद्दाम जिंदगी की जंग लड़ रहा है, परिजन भी मौके पर मौजूद है
थाना प्रभारी रानीगंज ने बताया:
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“राजापुर गांव में चोरी के संदेह में मारपीट की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। एक युवक घायल अवस्था में मिला, जिसे तत्काल इलाज के लिए भेजा गया।
मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयान लिए जा रहे हैं।भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेना पूरी तरह गलत है, ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है।अभी तहरीर नहीं मिली है आदि कोई तहरीर देता है तो कार्यवाई की जाएगी।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार
घायल युवक सद्दाम हुसैन ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि वह किसी निजी काम से राजापुर गांव के रास्ते से गुजर रहा था और रात करीब 1 बजे राजापुर तिराहे के पास लघुशंका के लिए रुका था। तभी कुछ लोगों ने आकर उस पर बिना कुछ पूछे हमला कर दिया।
लेकिन दूसरी ओर…
ग्रामीणों का दावा है कि युवक अकेला नहीं था, तीन और लोग उसके साथ थे, जो पास की एक दुकान का शटर उठाकर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। लोगों को शक हुआ कि ये लोग चोरी की नीयत से आए हैं। भीड़ ने जब घेराबंदी की तो तीन युवक मौके से भाग गए, और सद्दाम पकड़ में आ गया, जिसे बेरहमी से पीटा गया।
अब बड़ा सवाल:
क्या सद्दाम सच बोल रहा है या कुछ छिपा रहा है?
अगर वह निर्दोष है, तो उसके साथ मौजूद तीन लोग कौन थे?
आखिर एक लाइनमैन आधी रात को अपने कार्यक्षेत्र से दूर राजापुर गांव में क्या कर रहा था?
भीड़ ने जो किया वो कानूनन अपराध है, चाहे कारण कुछ भी रहा हो।








