सम्भल । सम्भल में स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़ा आया सामने,बाबू नटवरलाल का करोड़ो का घोटाला हुआ उजागर फर्जी तरीके से करोड़ो रूपये उड़ाने का कनिष्क निपिक पर लगा आरोप घोटला उजागर होने पर स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप लंबे समय से घोटाले को दबाए बैठा स्वास्थ्य विभाग आरोपी बाबू को कई बार कॉल करने पर नही उठाया फोन आरोपी के घोटालों की गूंज शासन तक पहुँची

जनपद सम्भल के मुख्य चिकित्सा कार्यलय में तैनात रहे तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा के काले चिट्ठे सामने आए हैं आरोपी लिपिक पर फर्जीवाड़े करके करोड़ो रूपये अपने खाते में ट्रांसफर कर हड़पने का गंभीर आरोप लगा जिसके साक्ष्य भी सामने आए हैं वही फर्जीवाड़े के आरोपो पर सीएमओ अमिता सिंह ने खुलकर मीडिया के सामने पूरा मामला रखा है वही इस बाबू के फर्जीवाड़े की शिकायत लोकायुक्त तक पहुँच गया है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पालिसी अपना रही है लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय के बड़े अधिकारी हैं कि करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में फंसे सीएमओ कार्यालय के एक कनिष्ठ लिपिक को बचाने के लिए जांच के बाद जांच करा रहे हैं। मामला जुड़ा हुआ है मुख्य चिकित्सा अधिकारी संभल में तैनात कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा से सीएमओ अमिता सिंह संभल के कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा के विरुद्ध गवन की शिकायत मिलने पर जिले स्तर पर डॉक्टरों की जांच टीम बनाई गई जांच कमेटी ने विनय शर्मा को भारी सरकारी धन के गबन का आरोपी पाया था परंतु महानिदेशालय के उच्च अधिकारियों ने जांच का खेल रचा और पूरे अभिलेख ना मिलने पर जांच को परे करके विनय शर्मा के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की वही आजमगढ़ सदर से विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था और कार्रवाई ना होते देख माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश को भी अवगत कराया कि मामले को अधिकारी दवा रहे हैं और इसकी प्रतिलिपि प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण को दी गई है लेकिन अधिकारियों ने इस लिपिक के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि तमाम जनप्रतिनिधि की शिकायत को दरकिनार करके विनय शर्मा को निलंबित भी नहीं किया और ना ही कोई कार्रवाई की बल्कि आरोपी मानते हुए कनिष्ठ लिपिक विनय का प्रमोशन ही कर दिया गया।

वही करोड़ों के घोटाले के आरोपी विनय शर्मा हैं उनकी शिकायतों का मामला यहीं रुका पिछड़ा दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग संघ के अध्यक्ष डॉ इंद्र दयाल गौतम ने भी इस संबंध में शिकायत की है मुरादाबाद के डॉक्टर एस के शर्मा ने तो पूरे साक्ष्य के साथ कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा पर सारे आरोपों को प्रमाणित करते हुए पत्र भेजा है अधिकारियों ने जांच का दिखावा करके एक कान ट्रीमेंट रोकते हुए बरेली जैसे बड़े जिले में सीएमओ कार्यालय में ट्रांसफर कर दिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी संभल के अधीन सीएचसी मनोटा में तैनात विनय शर्मा मुख्यालय पर जिले का भी काम देखता था सीएचसी मनोटा पर तैनाती के दौरान विनय शर्मा पर वर्ष 2014 से ही कर्मचारियों और अधिकारियों के लगभग ₹700000 स्वयं और दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर करके निकालने और कई चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों जीपीएफ के पैसे भी हड़पने के आरोप लगे बिना परमिशन लिए विदेश यात्रा थाईलैंड की गई इसके प्रमाण उनके खातों से हुए इससे अपना फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट भी कार्यालय में समेट करा दिया पुष्टि कर आने पर मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी प्रमाणित हुआ। पिछड़ा दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग संघ के अध्यक्ष डॉ इंद्र दयाल गौतम के अनुसार रिटायर्ड कर्मचारियों से लाखों रुपए रिश्वत देकर भी विनय शर्मा ने उनके फंड तक नहीं दिए।

जनप्रतिनिधियों की तमाम शिकायतों और साक्ष्यों के बाद भी खास बात यह रही कि विनय शर्मा के विरुद्ध मुख्यालय के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि जांच के नाम पर इस कार्रवाई को भटकाते रहे अंत में केवल एक इंक्रीमेंट सूक्ष्म पर रोका और सीएमओ बरेली के अधीन उसका स्थानांतरण कर दिया गया जबकि करोड़ों रुपए के गबन बिना परमिशन के विदेश यात्रा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लिए निलंबन के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी पर ऐसा नही हुआ ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएमओ अमिता सिंह और अन्य लिपिकों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा सीएमओ संभल में हुई अनियमितता की जांच के लिए निर्देशक स्वास्थ्य की अगुवाई में एक जांच कमेटी बनाई गई है मुख्य चिकित्सा अधिकारी संभल को निर्देशक स्वास्थ्य की ओर से दिनांक 13 दिसंबर को एक पत्र भेजा गया था जिसमें 2015 2016 2016 2017 एवं 17 18 के वित्तीय व्यवहारों की जांच की बात कही गई है जबकि कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा द्वारा 2014 से ही वित्तीय गड़बड़ियां की जा रही थी और इसके अलावा रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी उनके फंडिंग नहीं मिले उनको भी कमेटी के सामने बुलाने की बात कही गई है।

तत्कालीन लिपिक धीरज सक्सेना और कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा को व्यक्तिगत खातों का विवरण नहीं मांगा गया है विनय शर्मा लिपिक द्वारा बिना परमिशन के की गई विदेश यात्रा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट से संबंधित कोई भी अभिलेख नहीं दिखाने को कहा गया है कमेटी को विनय शर्मा के स्टेट बैंक के खाता संख्या का संज्ञान लेना चाहिए जिससे कि दिनांक 22 16 2017 में ₹110921 का मेकमायट्रिप को ट्रांसफर किया गया था शासन के दबाव में जांच कमेटी बनाने से साफ होता है कि जांच भी केवल दिखावा होगी सूत्र बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इसके गबन के आरोपों को उजागर किया था इसीलिए इसमें कई लोगों के फर्जी शिकायतें अपने फेवर में कराई थी ताकि उनकी भी जांच हो सके उन्हीं की शिकायतें पर यहां जांच हो रही है जबकि उसके विरुद्ध की गई जांच ऊपर कोई खास असर नहीं पड़ा है करोड़ों के गबन का मामला भी दब गया था देख रहा कि जांच कमेटी कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता रहेगी और 2014 के किए गए कारनामों को विदेश यात्रा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट की भी जांच होती है या नहीं।

वही कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा ने जब खुद को फंसता देख अब मामले को दूसरी तरफ मोड़कर सबका ध्यान भटकाने का भी प्रयास किया हैं विनय शर्मा ने सम्भल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी व उनके कर्मचारियों पर कई भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है वही विनय शर्मा की हिम्मत देखी जाए खुद करोड़ो रूपये के फर्जीवाड़े के आरोपी होते हुए भी सीएमओ के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है जिसकी जांच भी आरंभ हो गई है। वही इन आरोपो को लेकर जब विनय शर्मा से फोन पर लगातार संपर्क किया गया तो आरोपी विनय शर्मा ने फोन नही उठाया और न ही कोई इस मामले पर सफाई दी वही सीएमओ अमिता सिंह ने भी अपने कार्यलय के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक विनय शर्मा का पूरा कालाचट्ठा खोल दिया है।

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