रायपुर. पूरे देश में इस वक्त लॉकडाउन है। माओवादियों पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। लॉकडाडन के बीच प्रभावी धारा 144 के चलते जिले के ग्रामीण इलाकों में लगने वाले हाट-बजार नहीं भर रहे हैं। इस वजह से माओवादी दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। अब वे राशन जुटाने के लिए अपने प्रभाव वाले इलाके के सरपंचों पर राशन के लिए दबाव बना रहे हैं।
सशस्त्र आंदोलन चला रहे माओवादियों की मलांगिर एरिया कमेटी इस वक्त भूखे मरने की स्थिति में दिखाई पड़ रही है। अंदरूनी क्षेत्र में लगने वाले साप्ताहिक बाजार बंद हो गए जहां से माओवादियों को दैनिक उपयोग की सामग्री दाल, चावल, सब्जी आदि आसानी से मिल जाया करती थी।
मलांगिर एरिया कमेटी के इलाके में आने वाले आधा दर्जन सरपंचों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि माओवादियों के दबाब के चलते हम दहशत में हैं। एक ओर पूरे गांव को बंद किया गया है दूसरी तरफ वो लोग राशन लाने कह रहे हैं। फिलहाल तो हम खुद अपनी जरूरतों का सामान लेने शहर नहीं पहुंच रहे हैं तो उनके लिये खाद्य सामग्री की व्यवस्था कहां से करें।
माओवादियों की सप्लाई चेन तोडऩे पुलिस सक्रिय
पूरे दंतेवाड़ा जिले में इस वक्त माओवादी रसद जुटाने में लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस को भी माओवादियों की सप्लाई चेन तोडऩे का शानदार मौका मिला है। माओवादी राशन के लिए जहां-जहां पहुंच सकते हैं वहां दंतेवाड़ा पुलिस की पैनी नजर है। किरंदुल, दंतेवाड़ा, गीदम की दुकानों की खास निगरानी की जा रही है। अगर कहीं भी पुलिस को लग रहा है कि जरूरत से ज्यादा राशन की खरीदी हो रही है तो संदेह के आधार पर पूछताछ की जा रही है।
गुमियापाल में ग्रामीणों को पीटा, 500 किलो चावल देने कहा
लॉकडाउन से माओवादी इस कदर बौखला गए हैं कि वे गांवों में जाकर वहां के ग्रामीणों की पिटाई कर रहे हैं। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि गुमियापाल में ग्रामीणों के साथ माओवादियों ने बेदम पिटाई की है और सभी को धमकी दी है कि अगर दो दिन में 500 किलो चावल की व्यवस्था नहीं की तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब ग्रामीण असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर वे करें तो करें क्या। क्योंकि वे भी लॉकडाउन में अपने लिए पर्याप्त राशन नहीं जुटा पा रहे हैं।
माओवादी कमांडर कमलेश ले रहा बैठक
माओवादी कमांडर कमलेश ग्रामीणों की लगातार बैठक लेकर उन पर राशन के लिए दबाब बना रहा है कुछ सरपंचों ने फोन पर मुझसे भी शिकायत की है। गुमियापाल गांव में ग्रामीणों की बेदम पिटाई कर 500 किलो चावल देने को कहा गया है। क्योंकि पोटाली, अरनपुर, पालनार बाज़ार बंद है और किरंदुल बाजार में पुलिस मुस्तैद है जिसके कारण माओवादियों तक आसानी से रसद नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे माओवादी बौखलाए हुए हैं। माओवादियों का अमानवीय चेहरा इसी बात से उजागर होता है कि जहां पूरा देश इतनी भयंकर आपदा से लड़ रहा है वहीं ये लोग स्वार्थ में ग्रामीणों पर अत्याचार कर रहे हैं।
-डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी दंतेवाड़ा

इस्तेखार अहमद

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