प्रतापगढ़। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अनुपूरक बजट को महज खानापूर्ति का बजट करार देते हुए इसे महिलाओं तथा युवाओं और बेरोजगारो एवं किसानो के लिए हवाहवाई घोषणाओ एवं खोखले दावों का जीता-जागता उदाहरण करार दिया है। गुरूवार को प्रदेश सरकार के सात हजार तीन सौ एक करोड के अनुपूरक बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएलपी नेता आराधना मिश्रा मोना ने सरकार के इस दावे को इस बजट मे तीन हजार करोड रूपये युवाओ के रोजगार पर खर्च होगें को भी जमीनी हकीकत से विपरीत करार दिया है। विधानसभा मे अनुपूरक बजट पर कांग्रेस की कई जनकल्याणकारी मांगो की चर्चा करते हुए उन्होनें कहा कि पिछले चार वर्षो मे नौजवान रोजगार की चाहत मे दर दर भटक रहे है, और बदले मे इन्हें सिर्फ पुलिसिया लाठी खाने को मिली है। विधानसभा मे कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा ने नारी उत्पीड़न की भी प्रदेश मे लगातार बढ़ रही घटनाओं को खौफनाक ठहराते हुए बजट मे विपक्ष की मांग के बावजूद नारी उत्पीड़न फण्ड की स्थापना न किये जाने को बजट का सबसे बड़ा निराशाजनक पहलू करार दिया है। उन्होने कहा कि सरकार को नारी सम्मान व अस्मिता की रक्षा की राशि के लिए शीर्ष प्राथमिकता पर घोषणा करनी चाहिये थी। वहीं महिला आरक्षण पर बजट सत्र मे भी अनुसूचित जाति तथा पिछडे एवं सामान्य वर्ग की महिलाओ को जिस वर्ग मे जितना आरक्षण है उसी आरक्षण मे तैतीस प्रतिशत महिला आरक्षण न दिये जाने की घोषणा न करने को भी सीएलपी नेता मोना ने भाजपा की राज्य सरकार का महिलाओ की भागीदारी भी सुनिश्चित करने की मंशा के विपरीत ठहराया है। प्रदेश मे कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए आराधना मिश्रा मोना ने गृह विभाग को बदलते क्रिमिनल प्रोफायल और अन्य गंभीर चुनौतियो को देखते हुए आवंटित बजट को ऊँट के मुंह मे जीरा कहा है। उन्होने कहा कि कई जिलों मे फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं धंधा बन चुकी है और सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण महिलाओ तथा बहू-बेटियों की सुरक्षा नाम की भी स्थिति दिनोंदिन गंभीर से गंभीरतम होती जा रही है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश मे तदर्थ शिक्षको को भी उनके सेवाकाल के वेतन भुगतान करने अथवा संविदा के तदर्थ शिक्षको को नियमित न किये जाने के भी बजट मे प्राविधान न होने को भी पीड़ादायक कहा है। वहीं आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश सरकार द्वारा पिछडी जाति और अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को बडी संख्या मे अभी भी छात्रवृत्ति न मिलने के भी बजट मे प्राविधान न होने को इन मेधावियो के भविष्य को अंधकार मे डालकर सरकारी खिलवाड भी कहा है। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से यहां जारी बयान मे आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि कोरोना काल मे सर्वाधिक कठिनाइयों का सामना कर रही महिलाओं के लिए इस समय दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करना तब और कठिन हो गया है जब गैस के दाम नौ सौ रूपये प्रति सिलेण्डर हो गये हैं।