अमेठी. उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री सुरेश पासी के ऊपर एक विधवा महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि कागजों में हेराफेरी कर रात के अंधेरे में तहसील खुलवा कर खतौनी बदलवाकर गलत तरीके से जमीन हड़प ली है। महिला ने मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक से मामले की शिकायत की है। मामले मे डीएम अरुण कुमार ने कहा है कि
प्रकरण को संज्ञान में लिया गया है जांच कमेटी गठित करके रिपोर्ट मंगवा रहे हैं और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आरोप लगाने वाली विधवा महिला पिछले काफी दिनों से ने के लिए दर-दर की भीख मांग रही है । लेकिन अभी तक उसको नहीं मिल पाया जिसके चलते पीड़िता ने आज सुबह जिलाधिकारी अमेठी के कार्यालय में पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है की उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री सुरेश पासी द्वारा फर्जी बैनामा करा कर हमारी भूमि कब्जा कर लिया गया है। इस तरह के कृत्य में माननीय मंत्री महोदय ने अपने पद और रुतबे का बेजा फायदा उठाया है।
पीड़ित विधवा विजयलक्ष्मी के देवर ने बताया कि हम लोग आजमगढ़ के रहने वाले हैं हमारे भाई यहां पर पीडब्ल्यूडी विभाग में इंजीनियर थे। हमारे छोटे भाई जयप्रकाश यादव भी यहीं पर रहते थे। उन्हीं के नाम से जगदीशपुर उतेलवा में जमीन की रजिस्ट्री सन 1986 में करवाई गई थी, सन 1990 में कुछ ऐसी घटना हो गई कि हम लोग यहां से छोड़कर अपने घर शाहगंज चले गए वहां जाने के बाद फिर बीच में यहां कोई नही आया। वर्ष 2007 में जयप्रकाश यादव की मृत्यु हो गई, तब भी यहां पर कोई नहीं आया। वर्ष 2018 में पता चला कि रमकला के नाम से यहां पर किसी ने फर्जी वरासत करवा लिया है। दौड़ धूप के बाद 18 फरवरी 2020 को आदेश हुआ कि यह नाम निरस्त करते हुए मृतक जयप्रकाश की पत्नी विजयलक्ष्मी के नाम वरासत दर्ज की जाती है। इसके बाद हम चले गए फिर 5 मार्च को मुसाफिरखाना आए तो हमारा नाम दर्ज किया गया और हमको खतौनी बना कर दिया गया। हम 2:30 बजे वापस चले गये, दूसरे दिन हम को सूचना मिली कि 4:56 पर राज्य मंत्री की पत्नी सरिता देवी के नाम से रमकला बनकर के रजिस्ट्री कर दी गई है।
पीड़ित ने बताया कि उस समय रजिस्ट्रार ऑफिस में 100 रूपए की रसीद कटाकर एप्लीकेशन दिया था कि इस नंबर पर कोई रजिस्ट्री करता है तो हम को सूचित किया जाए। हम जब आकर पूछने लगे तब वहां से बताया गया कि यह मेरा पावर है जब कोई लेकर आएगा तो हम उसकी रजिस्ट्री कर देंगे। पीड़ित ने बताया कि वह रामकला को जानते ही नहीं। यह रामकला कौन है ? हम तो दूर के रहने वाले हैं। अगर रजिस्ट्रार इसमें न मिले होते तो विवादित जमीन जिस पर एप्लीकेशन पड़ी हुई है उसको रजिस्ट्री कैसे कर देते? जबकि उसकी नई खतौनी लेनी चाहिए थी। पुरानी खतौनी के आधार पर राज्यमंत्री और सत्ता के दबाव में आकर इस तरह का काम किया गया है। क्योंकि 5 तारीख को जब रजिस्ट्री किया गया तो उस समय मेरा नाम अंकित था। हमारे वकील ने बताया कि रात 9:00 बजे तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। रात्रि 9 बजे के बाद राज्यमंत्री आकर रात्रि में तहसील खुलवाकर बैठकर बैक डेट में मेरे आदेश को स्थगित किये हैं और उनका नाम डाल दिया है। जबकि तहसीलदार ने पुराने आदेश को निरस्त किया है फिर पता नहीं कैसे मेरे आदेश को स्थगित करके पुराने आदेश की बहाली कर दिए। जिलाधिकारी महोदय से हम मिले उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को हम देखेंगे हम न्याय के लिए जहां-तहां भटक रहे हैं हमको नहीं लगता है कि हम को न्याय मिल पाएगा। अगर हम को न्याय नहीं मिलता है तो हम माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे मुख्यमंत्री महोदय के पास जाएंगे और जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
वहीं जिलाधिकारी अमेठी अरुण कुमार ने बताया कि आज 13 मार्च को एक पत्र विजयलक्ष्मी पत्नी सरगी जयप्रकाश के द्वारा दिया गया है। जिसमें उतेलवा के गाटा संख्या 297 से संबंधित है जिसको लेकर महिला के द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि इसमें फर्जी तरीके से बैनामा किया गया है इस प्रकरण को हम लोगों के द्वारा संज्ञान में लिया गया है इस प्रकरण को हम लोगों के द्वारा संज्ञान में लिया गया है इसमें हम जांच कमेटी गठित करके रिपोर्ट मंगवा रहे हैं और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी यह राजस्व का मैटर है इसमें फर्जी बैनामा और अमल बरामद से संबंधित है जिसमें हम पहले जांच कराएंगे उसके उपरांत जो भी वैधानिक कार्यवाही होगी हम करेंगे।