19 मार्च 2020. सुबह 11 बजे पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16 मार्च को उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था. रंजन के शपथ लेने के दौरान विपक्षी सांसदों ने शेम-शेम के नारे लगाए

रंजन गोगोई के राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्षी दलों के सांसदों के रवैये को देखते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा-
-राज्यसभा की एक महान परंपरा रही है. यहां कई क्षेत्रों के प्रकांड लोग आए हैं. इसी कड़ी में पूर्व CJI भी हैं. गोगोई अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे. विपक्षी सांसदों का ऐसा करना कतई गलत था-

रंजन गोगोई कौन हैं?

सुप्रीम कोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए. इनमें से अयोध्या भूमि विवाद, सबरीमाला मामला, चीफ जस्टिस का ऑफिस पब्लिक अथॉरिटी, सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी, अंग्रेजी और हिंदी समेत सात भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को प्रकाशित करने का फैसला प्रमुख रहा.

रंजन के पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जस्टिस रंजन नार्थ ईस्ट से आने वाले पहले चीफ जस्टिस थे.

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