यूपी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के पहले निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की चुनावी खर्च सीमा केवल चार लाख रुपये निश्चित की है। अन्य प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा वर्ष 2015 में हुए चुनाव के समान ही रहेगी। अर्थात् ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार चुनाव में केवल 75 हजार रुपये ही खर्च कर सकते हैं और जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी के लिए चुनावी व्यय सीमा डेढ़ लाख रुपये रहेगी। ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव खर्च एक समान निश्चित किया गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) को 75 हजार रुपये से अधिक धन खर्च करने की अनुमति नहीं होगी। चुनाव खर्च पर निगरानी करने के लिए जिलों में कमेटी का गठन होगा। पंचायत चुनाव में नामांकन की जमानत राशि और नामांकन पत्र में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। आरक्षित वर्ग के नेताओं को पूर्व की भांति मध्य जमानत राशि ही जमा करनी होगी। उत्तर प्रदेश के 826 ब्लाक प्रमुख पदों पर आरक्षण फार्मूला लागू करने के लिए शुक्रवार को प्रस्तुतिकरण किया गया।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष आरक्षण शून्य करने या चक्रानुक्रम लागू करने की स्थितियों पर विचार किया गया । शून्य किए जाने से ब्लाक प्रमुख पद पर वर्ष 1995 जैसा आरक्षण होगा
। चक्रानुक्रम लागू किया तो वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षित सीटों का निर्धारण होगा । सूत्रों ने बताया कि दोनों फार्मूलों में सीटों के आरक्षण में अधिक बदलाव नहीं होगा ।
सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष व ग्राम पंचायत प्रधान पदों के आरक्षण का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा । इसके बाद ही शासन स्तर से आरक्षण की कोई व्यवस्था लागू करने का निर्णय हो सकेगा ।
उम्मीद है कि चक्रानुक्रम फार्मूला ही अमल में लाया जाएगा , क्योंकि आरक्षण शून्य किए जाने पर कोर्ट में मामला उलझने की आशंका अधिक है ।