उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय 13वें प्रत्याशी महेश चंद्र शर्मा का पर्चा खारिज हो गया है. शर्मा का पर्चा खारिज होने के बाद अब तय हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 10 उम्मीदवार विधान परिषद जाएंगे, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) के भी दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय है
विधान परिषद में 12 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में कल सोमवार को उस समय मुकाबला रोचक हो गया था, जब 13वां नामांकन दाखिल कर दिया गया. 13वें प्रत्याशी के रूप में महेंद्र चंद्र शर्मा ने नामांकन किया था
12 उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय
महेश चंद्र शर्मा ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया था. अगर उनका पेपर सही पाया जाता तो वोटिंग कराई जाती. लेकिन अब जब उनका नामांकन खारिज हो गया है तो सभी 12 उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के 10 और समाजवादी पार्टी के 2 उम्मीदवार मैदान में हैं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान परिषद चुनाव के लिए अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को मैदान में उतारा. हसन को सपा ने पांचवीं बार मैदान में उतारा. पूर्व आईपीएस अधिकारी 88 वर्षीय हसन चार बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. वहीं राजेंद्र चौधरी मुलायम और अखिलेश यादव सरकार में कबीना मंत्री रहे हैं. वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में भी शामिल रहे हैं
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव की 12 सीटों पर नामांकन के लिए कल सोमवार आखिरी दिन था. बीजेपी के सभी 10 उम्मीदवारों ने एक साथ नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि सपा की ओर से दोनों उम्मीदवार पहले ही नामांकन कर चुके थे.
एमएलसी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व IAS अरविंद शर्मा, लक्ष्मण आचार्य, कुंवर मानवेंद्र सिंह, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल बिश्नोई, धर्मवीर प्रजापति, अश्विनी त्यागी और सुरेंद्र चौधरी उम्मीदवार हैं
उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए 28 जनवरी को वोटिंग होनी है और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 18 जनवरी है