नई दिल्ली। फर्जी पत्रकारों के पकड़े जाने के लगातार बाद से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लगातार सख्त होता दिखाई दे रहा है। पाया गया है कि लोगों जालसाज लोगों द्वारा न्यूज़ पोर्टल बनाकर उसका उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कराकर अनाधिकृत रूप से जाली प्रेस कार्ड जारी किए जाते हैं। जबकि यह पूर्ण रूप से अवैध है प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार केवल आरएनआई रजिस्टर्ड समाचारपत्रों व सूचना प्रसारण में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चैनलों को ही है, जबकि इसके ठीक विपरीत अवैधानिक कार्य किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि फर्जी न्यूज़ पोर्टल द्वारा यदि प्रेस कार्ड जारी करने का कोई मामला प्रकाश में आता है तो सञ्चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी वहीं लोगों से ऐसे जालसाजों से बचने की अपील की गई।
आपको बता दें कि जालसाज लोगों द्वारा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कर न्यूज़ वेबसाइट तथा यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को स्वघोषित मीडिया संस्थान बताकर भोले भाले लोगों को झांसा देकर पत्रकार बनाने के नाम पर धन उगाही की जा रही है तथा अयोग्य लोगों को फर्जी पत्रकार बनाये जाने का बड़ा खेल चल रहा है। किराना व्यापारी से लेकर पंचर बनाने वाले लोगों ने खुद के फर्जी प्रेस कार्ड बनवाकर पत्रकार का ठप्पा लगा रखा है, वहीं यह भी देखा जा रहा है समाज में अवैध धंधा करने वाले अपराधियों व अराजक तत्वों ने भी इन फर्जी मीडिया संस्थानों से प्रेसकार्ड जारी करवा लिया है तथा अवैधानिक कृत्य कर रहे हैं।
हाल ही में लखनऊ में एक ऐसा शातिर अपराधी पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जो गम्भीर आपराधिक कृत्यों में लिप्त था तथा खुद का फर्जी न्यूज़ पोर्टल चला रहा था उसके पास से जो गाड़ी बरामद हुई उसमें B BHARAT न्यूज़ लिखा हुआ था।