पंचायत चुनाव को लेकर अन्तिम रूप से 22 जनवरी को प्रकाशित हो चुकी मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या संशोधन आदि करने की अभी भी गुंजाइश बनी हुई है। जिन लोगों के नाम सूची में दर्ज होने से रह गए हैं या उनमें कोई त्रुटि रह गई है तो वे अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। यह नाम पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले तक दर्ज किए जाएंगे। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को सभी जिला मजिस्ट्रेट एवं सह जिला निर्वाचन अधिकारियों के नाम परिपत्र जारी कर दिया है।
इसके तहत त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचक नामावलियों के वृहद पुनरीक्षण के दौरान नियत समय तक दावे व आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जानी है। इसमें यह तय कर लिया जाए कि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 और उत्तर प्रदेश पंचायतराज (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण) नियमावली 1994 के प्रावधानों के अनुसार समीक्षा कराई जाए ताकि किसी पात्र व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में नाम दर्ज होने से छूट ना जाए।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि यदि किसी कारणों से पात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में छूट जाता है या गलत हो जाता है या फिर किसी अपात्र व्यक्ति का नाम सम्मिलित हो जाता है तो मतदाता सूची के अन्तिम प्रकाशन के बाद भी सूची में नाम दर्ज किया जाए। ऐसा उत्तर प्रदेश पंचायतराज अधिनियम 1947 की धारा-9 की उपधारा (10) के तहत अधिसूचित उत्तर प्रदेश पंचायतराज (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण) पूरक उपबन्ध आदेश 10 मई 2005 के नियमानुसार करने का प्रावधान है।
मतदाता सूची का अंन्तिम प्रकाशन 22 जनवरी 2021 को हुआ था। अब अन्तिम प्रकाशन के बाद से जिला मजिस्ट्रेट अथवा जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) द्वारा निर्वाचन की नोटिस जारी करने से पूर्व तक की अवधि में नाम शामिल करने, संशोधन करने या हटाने के लिए नागरिकों की ओर से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन लिए जाएंगे। लिहाजा सभी जिला मजिस्ट्रेट अथवा जिला निर्वाचन अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में इस सूचना को व्यापक रूप से प्रसारित या सूचित करें कि इस अवधि में वे नाम सम्मिलित करने, संशोधन करने या हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।