प्रतापगढ़, एक डॉक्टर के देहांत से पूरे इलाक़े में शोक की लहर ।
थाना कंधई के किशुनगंज बाज़ार में स्थित “शिफा क्लीनिक” पर बैठने वाला एक शख़्स जो अपने अख़लाक और व्यवहार से हर दिल अज़ीज़ था, क्या हिन्दू क्या मुस्लिम क्या अमीर क्या ग़रीब सब उनसे मुहब्बत करते थे, जो उन्हें जानता था वह उन्हें अपनी फैमिली का मेम्बर मानता था ।
जिनका नाम गयासुद्दीन था, लोग डॉक्टर शिफा से नाम से भी जानते थे, जिनकी पहचान यह थी कि लोगों का कम पैसों में इलाज करते थे, चेहरे पर हमेशा मुस्कान सजाये, मरीजों को तो अपनी मीठी बातों से ही ठीक कर देते थे, जो भी डॉक्टर साहब के पास जाता अपना ग़म भूल जाता,
लेकिन किसे पता था कि सबके होंठों पर मुस्कान बिखेरने वाला, सबकी आँखों में आंसू देकर जुदा हो जाएगा, अपनी बातों से लोगों के दिल जीतने वाला लोगों के दिल उदास कर के कर चला जाएगा,
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
एक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया
मौत सबको आनी है आज हम कल तुम्हारी बारी है, डॉक्टर गयासुद्दीन पिछले एक महीने से बीमार थे, लखनऊ के पी जी आई हॉस्पिटल में ईलाज चल रहा था, रात करीब 2 बजे इंतक़ाल हुआ, शाम 4 बजे डॉक्टर साहब के गांव जैतीपुर अमसौना में होगी।
जैसे ही डॉक्टर साहब के इंतक़ाल की ख़बर आम हुई, लोगों की सांसे रुक गईं, डॉक्टर साहब का आख़िरी दीदार करने के लिए लोग डॉक्टर के घर की तरफ निकल पड़े, हमेशा लोगों को हँसाने बुलाने वाला आज ख़ामोश है और लोगों की आँखों में आंसू।