लखीमपुर खीरी हिंसामामले में पर SC में जब सुनवाई शुरू
CJI- हमारे पास सैंकडों ईमेल आए हैं। सबको बोलने की अनुमति नहीं दे सकते। कृपया हमें राज्य सरकार को सुनने दीजिए
यूपी की वकील गरिमा प्रसाद- हमारे लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश होंगे। साल्वे दूसरी कोर्ट में व्यस्त हैं। सुनवाई थोड़ी देर टली
साल्वे स्क्रीन पर
साल्वे- हमने स्टेटस रिपोर्ट फ़ाइल की है। मुख्य आरोपी को पेश होने का नोटिस दिया गया है। उसने समय मांगा है। हमने कल सुबह 11 बजे तक का समय दिया। अगर तब तक पेश नहीं हुआ तो कानून अपना काम करेगा
CJI- पेश होने का अनुरोध करने की क्या ज़रूरत है?
साल्वे- गोली के सबूत नहीं मिले हैं। तथ्य देखे जा रहे हैं। अगर सबूत साफ हों तो सीधे हत्या का केस बनेगा
CJI- यह बेंच का साझा मत है। हम ज़िम्मेदार सरकार चाहते हैं। अगर आरोपी कोई आम आदमी हो तो क्या यही रवैया रहेगा।पोस्टमार्टम की प्रतीक्षा करने की ज़रूरत नहीं थी
साल्वे- मैं समझ रहा हूँ कि जजों के मन में क्या है। मैं मानता हूँ कि ज़रूरी कार्रवाई होनी चाहिए थी
CJI- हमारे मन की बात नहीं है। हम लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं?
साल्वे- कल तक सारी कमी दूर कर ली जाएगी
CJI- आपके SIT में कौन हैं। सब स्थानीय अधिकारी हैं। यही दिक्कत है।
क्या राज्य सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की है?
साल्वे- नहीं। आप दशहरा छुट्टी तक प्रतीक्षा कीजिए। उसके बाद ज़रूरी लगे तो सीबीआई को जांच सौंपी दीजिए
CJI- हम आपका आदर करते हैं। इसलिए टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। CBI भी कोई हल नहीं है। आप जानते हैं क्यों? हमें कोई और तरीका देखना होगा।
CJI- हम छुट्टी के बाद मामला देखेंगे। तब तक आपको हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठना है। आप तेज़ कार्रवाई करें। जो अधिकारी काम नहीं कर रहे उन्हें हटाइए।
CJI- हम राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। 20 अक्टूबर को यह मामले लिस्ट में सबसे पहले लिया जाएगा