नए साल पर एटीएम से रुपये निकालना पड़ेगा भारी, जानिए कितने रुपये तक ढीली करनी पड़ेगी जेब
नए साल से महंगी बैंकिंग के लिए तैयार हो जाइए। बैंकों ने बढ़ते खर्च का हवाला देते हुए एटीएम से लेनदेन महंगा करने का ऐलान किया है। एक जनवरी से दूसरे बैंक के एटीएम से मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद 21 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन लगेंगे। एटीएम से केवल बैंकिंग जानकारी ली तो भी 6 रुपए लगेंगे। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने बैंकों को शुल्क बढ़ाने की छूट दे दी है। जून में रिजर्व बैंक ने बैंकों को छूट दी थी कि एक जनवरी 2022 से मुफ्त सीमा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर शुल्क बढ़ा सकते हैं। अब नए साल से मुफ्त निकासी और अन्य सेवाओं की तय सीमा से ज्यादा लेन-देन करने पर प्रति लेन-देन 21 रुपये देना होंगे। अभी ये शुल्क 20 रुपए है।
नया शुल्क तब लागू होगा, जब ग्राहक एटीएम से हर महीने तीन या पांच मुफ्त लेन-देन की सीमा पार करेंगे। अभी मेट्रो शहरों में महीने में तीन और अन्य शहरों में पांच लेनदेन मुफ्त हैं। इसी के साथ इंटरचेंज फीस 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये और केवल पूछताछ की फीस 5 रुपये से बढ़कर 6 रुपए हो जाएगी। इंटरचेंज फीस उसे कहते हैं, जिसे बैंक मर्चेंट से लेते हैं। मर्चेंट उन्हें कहते हैं जो क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट लेते हैं। यही इंटरचेंज फीस बैंकों और एटीएम लगाने वाली कंपनियों के बीच विवाद की जड़ है, जिसकी वजह से शुल्क बढ़ाया जा रहा है।
कम से कम 250 हिट्स में निकलता है एटीएम का खर्च
बैंकों का रोना है कि एटीएम चलाने का खर्च लगातार बढ़ रहा है। इसकी एक वजह कोरोना भी है। लोगों ने एटीएम और करेंसी से दूरी बनाई और मोबाइल बैंकिंग व यूपीआई एप से लेनदेन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा। केवल कानपुर में पिछले एक साल में मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई एप से लेनदेन 90 करोड़ से बढ़कर 200 करोड़ रुपए हो गया है। अब स्थिति ये है कि एटीएम में हिट्स घटने से मेंटीनेंस लागत बढ़ रही है। बैंकों और एटीएम मेंटीनेंस कंपनियों के मुताबिक एक एटीएम पर महीने का औसत खर्च 50 हजार रुपए आता है। ये खर्च तभी निकलेगा, जब एक दिन में कम से कम एक एटीएम में 250 हिट्स आएं। शहर में 965 एटीएम में से 230 ऐसे हैं, जहां प्रतिदिन 250 लोग भी नहीं आ रहे हैं।