ग्राम पंचायतों का अधिकार बढ़ाने की पायलट योजना शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी लखनऊ और हरदोई को जारी आदेश में कहा गया है कि वे मोहनलालगंज व अहिरोरी विकासखंड के सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत सभी कार्य ग्राम पंचायत स्तर से कराएं।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से ग्राम पंचायतों का अधिकार बढ़ाने का ऐलान धरातल पर उतरने जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के सभी कार्य अब ग्राम पंचायत स्तर से किए जाएंगे। कार्य में लगने वाली सामग्री और मजदूरों का भुगतान पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से होगा।

उत्तर प्रदेश पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ग्राम पंचायतों का अधिकार बढ़ाने की पायलट योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी लखनऊ और हरदोई को जारी आदेश में कहा गया है कि वे मोहनलालगंज व अहिरोरी विकासखंड के सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत सभी कार्य ग्राम पंचायत स्तर से कराएं। इन कार्यों में लगने वाली सामग्री व मजदूरी का भुगतान ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से कराया जाए।

योजना को दोनों विकासखंडों में तेजी से क्रियान्वित किया जाए। साथ ही जिलाधिकारी को पायलट योजना के रूप में कार्य कराते हुए दो माह का अनुभव संबंधी आख्या शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैैं। ये पायलट योजना सफल होने पर प्रदेश के सभी 58189 ग्राम पंचायतों में इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधानों के सम्मेलन में इसका ऐलान किया था। इसके पहले मनरेगा के कार्यों का भुगतान विकासखंड स्तर से लेखाकार व खंड विकास अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से होता रहा है।

क्षेत्र पंचायत भी अब कार्यदायी संस्था : मनरेगा योजना में सभी 826 क्षेत्र पंचायतों को भी कार्यदायी संस्था बनाया गया है, ताकि वे भी योजना बनाकर विकासकार्य करा सकें। ऐसे में क्षेत्र पंचायत की ओर से कराए गए कार्यों के सापेक्ष सामग्री व मजदूरी का भुगतान विकासखंड में तैनात खंड विकास अधिकारी व क्षेत्र पंचायत प्रमुख के संयुक्त डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा।

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