अगर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती है और राज्य सरकार के हक में फैसला सुनाया जाएगा तब जनवरी में हो जायेगा निकाय चुनाव अगर सरकार ऐसा नही करती तब अप्रैल या मई में चुनाव होगे
यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर हाइकोर्ट के फैसले के बाद अब यूपी में निकाय चुनाव कराने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा राज्य सरकार को अब हाइकोर्ट के आदेश के हिसाब से एक आयोग का गठन करना होगा जिसकी देख रेख में ओबीसी आरक्षण दिया जायेगा जिसमे कम से कम एक महीने का समय लगेगा वही यूपी में फरवरी के महीने से विभिन्न बोर्ड के एग्जाम शुरू होगे ऐसे में जानकारों की माने तो यूपी में निकाय चुनाव अब बोर्ड परीक्षा के बाद ही सम्भव होगे अप्रैल या मई के महीने तक जा सकता है निकाय चुनाव
अगर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करती है और वहां से राज्य सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाता है तब जनवरी में ही निकाय चुनाव हो जायेंगे
यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना अक्टूबर में हो जानी चाहिए थी। 2017 के निकाय चुनाव में 27 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई तो तीन चरणों में चुनाव हुए थे 1 दिसंबर को नतीजे आए थे।
इस बार निकाय चुनाव में राज्य सरकार की तरफ से देरी हुई दिसंबर में वार्डो के आरक्षण जारी हुए और 5 दिसंबर को मेयर और अध्यक्ष पद के लिए अरक्षण आया 7 दिन के अंदर आपत्तियां मांगी गई विभाग मान कर चल रहा था कि 15 दिसंबर तक राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप देंगे लेकिन आरक्षण का मामले हाईकोर्ट पहुंच गया
अब कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि सरकार आयोग बनाए सर्वे करा कर ओबीसी आरक्षण लागू करे और अगर निर्वचन आयोग और सरकार चाहे तो बिना आरक्षण के चुनाव करा सकती है।






