प्रतापगढ़ का नया पुरवा बना शर्म का गवाह — खंभे में बांधकर युवकों की पिटाई, पुलिस की सख्त कार्रवाई में 5 आरोपी धराए

प्रतापगढ़ | थाना संग्रामगढ़ | विशेष रिपोर्ट

प्रतापगढ़ जिले के संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। ऐसा लगा जैसे इंसानियत ने दम तोड़ दिया हो। भोर में गांव के बीचोबीच बिजली के खंभे में बांधकर दो युवकों की निर्मम पिटाई की गई। यह कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि हकीकत थी, जिसने पूरे गांव को सन्न कर दिया।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमा हरकत में आ गया। महज कुछ घंटों में ही पुलिस ने अपना शिकंजा कसा और पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

घटना की कहानी: इंसानियत को चीरती चीखें…

घटना दिनांक 2 अगस्त 2025 की सुबह सामने आई जब ग्राम नया पुरवा, कोटा भवानीगंज में दो युवकों को सरेआम बिजली के खंभे में बांधकर लाठी-डंडों से पीटा गया। आरोपियों ने दोनों को घंटों खंभे से बाँधे रखा। कुछ ग्रामीण तमाशबीन बने रहे, कुछ डर से चुप। पीड़ित की चीखें गांव की गलियों में गूंजती रहीं, लेकिन दरिंदगी करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

पुलिस ने दिखाई तेजी, 5 आरोपी चढ़े हत्थे

इस वीभत्स घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के आदेश पर थाना संग्रामगढ़ की टीम ने ताबड़तोड़ दबिशें दीं और नामजद पांच आरोपितों को गांव से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं

1. धर्मेन्द्र पटेल – बिन्दा दुबे का पुरवा

2. कुट्टे लाल – बिन्दा दुबे का पुरवा

3. दिनेश कुमार – बिन्दा दुबे का पुरवा

4. रंगी लाल उर्फ किशन पटेल – बिन्दा दुबे का पुरवा

5. लवकुश पटेल – भीखपुर, थाना नवाबगंज, प्रयागराज

जिन्होंने डटकर निभाया फर्ज

थाना प्रभारी सत्येन्द्र सिंह भदौरिया,उपनिरीक्षक शिव शरण,उपनिरीक्षक गुरदीप सिंह,महिला कांस्टेबल पूजा यादव

इनकी सजगता और रणनीति के चलते पूरा ऑपरेशन सफल रहा और पांचों आरोपी कानून के शिकंजे में आ गए।

एसपी डॉ. अनिल कुमार ने क्या कहा

> “ये घटना बेहद निंदनीय थी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जनपद में कानून-व्यवस्था सर्वोपरि है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

जनता में रोष, प्रशासन से अपेक्षा

घटना के बाद से ही इलाके में आक्रोश का माहौल है। लोगों ने ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जताई और कहा कि कानून का डर खत्म होता जा रहा है। हालांकि पुलिस की तत्परता ने लोगों को यह भरोसा भी दिलाया कि प्रतापगढ़ में अपराधियों की अब खैर नहीं।

“नया पुरवा की यह घटना न सिर्फ अपराध की तस्वीर दिखाती है, बल्कि समाज की चुप्पी पर भी सवाल खड़े करती है। अगर वक्त रहते पुलिस सक्रिय न होती, तो शायद यह मामला और गंभीर रूप ले लेता। अब देखने वाली बात होगी कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने की दिशा में न्याय प्रणाली कितनी तत्पर होती है।”

 यह खबर प्रतापगढ़ की कानून-व्यवस्था की एक सख्त और स्पष्ट तस्वीर पेश करती है — अपराध होगा तो कार्यवाही भी दमदार होगी!

(रुस्तम अली, विशेष संवाददाता, प्रतापगढ़)

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