दबिश देने जा रही रानीगंज पुलिस की बोलेरो गधे से टकराई, बाल-बाल बचे उपनिरीक्षक व हमराही
प्रतापगढ़। रानीगंज थाना क्षेत्र में रविवार की रात एक हादसा उस समय टल गया जब आरोपी की गिरफ्तारी के लिए निकली पुलिस टीम का वाहन गधे से टकरा गया। हादसे में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन गनीमत रही कि बोलेरो में सवार उपनिरीक्षक और दोनों हमराही सुरक्षित बच गए।
जानकारी के अनुसार, रानीगंज थाने के उपनिरीक्षक राकेश चौरसिया, महेश नारायण दीवान और कमलेश यादव रविवार की रात करीब 10:30 बजे आरोपी की तलाश में गाजी के बैग की तरफ जा रहे थे। टीम नहर पटरी मार्ग से होकर गंतव्य की ओर बढ़ रही थी। रात के समय यह मार्ग सुनसान रहता है और पर्याप्त रोशनी न होने के कारण दृश्यता कम थी। इसी दौरान सड़क पर अचानक दो गधे आ गए। पुलिस वाहन चालक के संभलने से पहले ही बोलेरो की जोरदार टक्कर एक गधे से हो गई।
टक्कर इतनी तेज थी कि बोलेरो का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों के मुताबिक, टक्कर के समय वाहन की रफ्तार सामान्य थी, लेकिन रात में जानवर को पहचान पाना मुश्किल हो गया। हादसे के बाद कुछ देर के लिए पुलिस टीम मौके पर ही रुकी और वाहन की स्थिति का जायजा लिया। क्षतिग्रस्त वाहन को धीरे-धीरे थाने तक लाया गया।
थाना अध्यक्ष प्रभात सिंह ने बताया कि पुलिस टीम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने जा रही थी। रास्ते में अंधेरे में सड़क पर खड़े जानवर से वाहन टकरा गया, जिससे बोलेरो क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि, गनीमत रही कि वाहन में सवार सभी पुलिस कर्मी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का संकेत है कि ग्रामीण इलाकों में रात के समय सड़कों पर आवारा जानवर घूमना एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो आम नागरिकों के साथ-साथ पुलिस बल के लिए भी खतरा है।
ग्रामीणों का कहना है कि नहर पटरी मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है और अंधेरे में दुर्घटनाएं आम हैं। अक्सर यहां पर आवारा मवेशी और गधे घूमते रहते हैं, जिससे गुजरने वाले वाहनों को खतरा बना रहता है। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर पटरी मार्ग पर रोशनी की व्यवस्था की जाए और आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
हादसे के बाद पुलिस टीम ने वैकल्पिक वाहन का इंतजाम कर कार्रवाई को आगे बढ़ाया। वहीं, बोलेरो की मरम्मत के लिए उसे वर्कशॉप भेजा गया है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रात में ग्रामीण मार्गों पर यातायात सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन किस हद तक गंभीर है।
रानीगंज क्षेत्र में यह कोई पहला मौका नहीं है जब पुलिस या आम नागरिक के वाहन की टक्कर आवारा जानवर से हुई हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा है और लोग घायल भी हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।