मानिकपुर में थार जीप की टक्कर से महिला घायल, चारपाई पर सो रही थी महिला
प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ। इस हादसे ने न केवल इलाके के लोगों को दहशत में डाल दिया बल्कि सड़क पर तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने के खतरों को भी उजागर कर दिया। घटना हुलास राय का पुरवा गांव की है, जहां एक थार जीप अनियंत्रित होकर सड़क किनारे सो रही महिला की चारपाई से जा टकराई।
घटना का विवरण स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, यशोदा पत्नी बचई पटेल अपने घर के बाहर चारपाई पर सो रही थीं। रात का समय था और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। अचानक तेज रफ्तार से आ रही थार जीप नियंत्रण खो बैठी और सीधे चारपाई में आ घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं।
जीप की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महिला को टक्कर मारने के बाद वाहन पास ही खड़े नीम के पेड़ से भी जा टकराया। जोरदार धमाके की आवाज सुनकर गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने किसी तरह महिला को उठाकर परिजनों की मदद से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
इलाज जारी घायल महिला को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कालाकांकर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनका प्राथमिक उपचार शुरू किया। फिलहाल यशोदा की हालत स्थिर बताई जा रही है। परिवारजन और ग्रामीण राहत की सांस ले रहे हैं कि हादसा बड़ा नहीं हुआ, वरना टक्कर की रफ्तार और जोर को देखते हुए स्थिति और भयावह हो सकती थी।
ग्रामीणों में आक्रोश
हादसे के बाद गांव में आक्रोश और दहशत दोनों का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के रास्तों से आए दिन तेज रफ्तार वाहन गुजरते हैं। कई बार लोग रात में अपने घरों के बाहर खुले में चारपाई पर सोते हैं। ऐसे में तेज रफ्तार वाहन कभी भी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के रास्तों पर वाहन चालकों पर नियंत्रण रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
आखिर जिम्मेदार कौन?
यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार गांव की सड़कों पर इतने तेज रफ्तार से वाहन क्यों दौड़ रहे हैं। क्या चालकों की लापरवाही है या प्रशासन की निगरानी में ढील? हादसे की जांच पुलिस कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि थार जीप कौन चला रहा था और घटना के समय वह नशे में था या नहीं।
मानिकपुर की यह घटना ग्रामीण परिवेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की एक और मिसाल है। खुले में सो रहे लोगों के लिए ऐसे हादसे जानलेवा साबित हो सकते हैं। यशोदा की जान भले ही बच गई हो, लेकिन यह घटना चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा और वाहन चालकों की जिम्मेदारी कितनी अहम है। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती बरते और ग्रामीणों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराए।