प्रतापगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: शातिर अपराधी सुशील सिंह से 34.10 ग्राम प्रतिबंधित नशीला पदार्थ एमडी बरामद, आपराधिक नेटवर्क का हुआ खुलासा

प्रतापगढ़। जनपद पुलिस ने एक बार फिर संगठित अपराध के नेटवर्क पर करारी चोट की है। थाना पट्टी पुलिस ने रिमाण्ड पर लिए गए शातिर अपराधी सुशील सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी ग्राम रामकोला, थाना पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ की निशानदेही पर 34.10 ग्राम प्रतिबंधित नशीला पदार्थ एमडी (Methamphetamine Drugs) बरामद किया है। यह वही नशा है जिसे विशेषज्ञ स्मैक से भी कहीं अधिक खतरनाक मानते हैं। इस बरामदगी के साथ पुलिस ने जिले में चल रहे नशे के अवैध कारोबार की जड़ें तलाशनी शुरू कर दी हैं।

नशे का जखीरा जमीन में दबा कर छुपाया गया था

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अभियुक्त सुशील सिंह से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि वह लंबे समय से एमडी की तस्करी कर रहा है। उसने बताया कि वह इस नशीले पदार्थ को कभी अपने सहयोगियों के साथ तो कभी अकेले विभिन्न इलाकों में सप्लाई करता रहा है। पुलिस जब उसकी बताई जगह पर पहुँची, तो पट्टी–रायपुर रोड स्थित के.एफ. मेरिज हाल के सामने ज़मीन की खुदाई कराई गई। वहां से एक रैपर निकला, जिसमें हल्के पीले-सफेद रंग के क्रिस्टल जैसे टुकड़े मिले। अभियुक्त ने इन्हें एमडी (Methamphetamine Drugs) बताया। बरामदगी का वजन 34.10 ग्राम पाया गया।

आरोपी ने कबूला जुर्म, संपत्ति भी अर्जित की

पूछताछ में सुशील सिंह ने यह स्वीकार किया कि उसने इस नशीले पदार्थ के कारोबार से काफी संपत्ति भी अर्जित की है। पुलिस को इस बात के भी पुख्ता सबूत मिले हैं कि वह जिले में कई जगह एमडी की सप्लाई करता था। यही नहीं, वह नशे के अवैध पैसों से महंगी गाड़ियां और बेनामी संपत्ति तक का मालिक बन चुका है।

लखनऊ से बरामद हुई ऑडी कार

अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस टीम ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित ओमेक्स कामर्शियल बिल्डिंग की बेसमेंट पार्किंग से एक सफेद रंग की ऑडी कार भी बरामद की। पुलिस की मानें तो यह कार उसी अपराध नेटवर्क से जुड़ी है, जिसमें सुशील सिंह का हाथ रहा है। यह बरामदगी उसी मामले से संबंधित है जिसमें सुशील सिंह पर पहले से मुकदमा दर्ज है।

गोलीकांड का भी आरोपी

गौरतलब है कि 21 जुलाई 2025 को थाना पट्टी क्षेत्रान्तर्गत रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर हुए गोलीकांड में भी ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह की संलिप्तता सामने आ चुकी है। इस घटना में दर्ज प्रकरण में भी वह मुख्य आरोपी के रूप में चिन्हित किया गया था। उस मामले में भी उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

गिरफ्तारी और खुलासा

थाना पट्टी पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक अभिषेक कुमार सिरोही के नेतृत्व में यह कार्रवाई की। टीम में निरीक्षक मनोज कुमार, उपनिरीक्षक अनीश यादव, महिला उपनिरीक्षक अर्चना, कांस्टेबल अभिषेक यादव, संजय चौहान, पंकज चौहान, सत्यम शर्मा और अजय कुमार शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के दिशा-निर्देश तथा अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी शैलेन्द्र लाल और क्षेत्राधिकारी पट्टी मनोज कुमार रघुवंशी की देखरेख में यह पूरी कार्रवाई हुई।

नशे के नेटवर्क की जाँच जारी

पुलिस को पूछताछ में यह भी जानकारी मिली कि सुशील सिंह पहले अपने सहयोगी लवी शंकर मिश्रा (वर्तमान में जेल में बंद) के साथ मिलकर नशीले पदार्थ की तस्करी करता था। अब वह अकेले ही जिले के कई हिस्सों में सप्लाई कर रहा था। पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क से जुड़े कई और चेहरे भी हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

एमडी – स्मैक से भी ज्यादा खतरनाक

विशेषज्ञ बताते हैं कि एमडी (Methamphetamine) बेहद खतरनाक नशा है। इसे स्मैक से भी ज्यादा घातक माना जाता है। यह क्रिस्टलनुमा पाउडर जैसा पदार्थ होता है, जिसे लोग गुटखा या अन्य चीज़ों के साथ मिलाकर खाते या सूंघते हैं। इसके सेवन से शरीर के साथ-साथ दिमाग पर भी गंभीर असर पड़ता है और धीरे-धीरे इंसान पूरी तरह नशे का गुलाम बन जाता है।

आपराधिक इतिहास भी उजागर

सुशील सिंह का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास भी पुलिस के सामने आया है। पट्टी और कोतवाली नगर थाने में उस पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी, मारपीट, धमकी, रंगदारी और अवैध गतिविधियों से जुड़े कई प्रकरण शामिल हैं। अब नशे के इस कारोबार ने उसके अपराधी चेहरे को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।

पुलिस की सख्ती रंग ला रही

प्रतापगढ़ पुलिस लगातार अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कस रही है। विशेष रूप से नशे और संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने अभियान चलाया हुआ है। हाल के महीनों में पुलिस ने कई तस्करों को पकड़ा है और बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए हैं। लेकिन सुशील सिंह के मामले ने जिले में सक्रिय एक बड़े नेटवर्क की ओर संकेत किया है।

जिले में हड़कंप

इस पूरे खुलासे के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है। खासकर युवाओं में नशे की बढ़ती लत और उसके पीछे छिपे कारोबारी चेहरों ने समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पुलिस की इस कार्रवाई से जहां कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है, वहीं यह संदेश भी गया है कि अवैध नशे के धंधे में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।

आगे की पड़ताल

पुलिस ने अब सुशील सिंह की बेनामी संपत्तियों और उसके बैंक लेन-देन की जांच भी शुरू कर दी है। लखनऊ से बरामद ऑडी कार और जिले में मिली संपत्तियों की पूरी जांच कराई जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

सुशील सिंह की गिरफ्तारी और एमडी की बरामदगी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नशे का अवैध कारोबार जिले में किस तरह जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन प्रतापगढ़ पुलिस की सक्रियता और सख्ती ने इस पर बड़ा वार किया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस इस नेटवर्क के बाकी चेहरों तक कितनी जल्दी पहुंच पाती है।

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