प्रतापगढ़। जनपद के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के गजेहड़ा खंडपार गुलरा गांव में बकुलाही नदी पर बने लकड़ी के पुल के बह जाने से लोगों की आवाजाही ठप हो गई थी। बारिश के दिनों में इस पुल के बह जाने से क्षेत्र के हजारों लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और दैनिक जरूरतों के लिए आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। ग्रामीण कई बार विधायक और सांसद से गुहार लगा चुके थे, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन और खोखले वादे ही मिले।
थक-हारकर ग्रामीणों ने खुद ही पहल की और आवाम से चंदा इकट्ठा करके लोहे का पुल बनाना शुरू कर दिया। गांव के लोग मजदूर बनकर खुद ईंट, गिट्टी और लोहे का काम कर रहे हैं। इस सामूहिक प्रयास ने पूरे इलाके में मिसाल कायम की है।
मंगलवार को इस पुल का निरीक्षण करने सदर एसडीएम मौके पर पहुंचीं। उन्होंने ग्रामीणों की पीड़ा को नजदीक से देखा और भरोसा दिलाया कि स्थायी समाधान के लिए सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। इसी दौरान पृथ्वीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि संजय सरोज और शिवगढ़ द्वितीय से भावी जिला पंचायत सदस्य आजाद अली भी वहां पहुंचे। दोनों ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी मेहनत और जज्बे को सराहा। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में हर संभव मदद की जाएगी और स्थायी पुल के लिए शासन से प्रयास किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर शासन-प्रशासन ने समय रहते ध्यान दिया होता तो उन्हें इस हालात का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन अब जनता के सहयोग से यह पुल उनकी जरूरत को पूरा करेगा।
रूबरु इंडिया न्यूज टीम लगातार इस मुद्दे को जनता तक पहुंचा रही थी। इसका असर यह हुआ कि लोग मदद के लिए आगे आने लगे। अब उम्मीद है कि ग्रामीणों की यह मेहनत जल्द ही रंग लाएगी और सरकार भी इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
गजेहड़ा का यह संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि जब जनप्रतिनिधि मुंह मोड़ लेते हैं, तब भी जनता हिम्मत नहीं हारती और सामूहिक शक्ति से असंभव को संभव बना देती है।