प्रतापगढ़।जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर रानीगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में गुरुवार की दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन कर लौट रहे दो युवकों की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। हादसा इतना दर्दनाक था कि पूरा गांव स्तब्ध रह गया। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय विजय सरोज पुत्र दुखीराम और 18 वर्षीय सनी गौतम पुत्र मनोज गौतम के रूप में हुई है। दोनों ही युवक गांव में दुर्गा पूजा पंडाल की तैयारी और प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था में सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।

हादसा कैसे हुआ :ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार को शाहपुर गांव से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा धूमधाम से निकाली गई थी। राजापुर महोथरी गांव स्थित निमियहवा तालाब पर विधिवत प्रतिमा विसर्जन किया गया। इसके बाद ग्रामीण और युवा डीजे और साउंड सिस्टम लेकर गांव लौट रहे थे। इसी दौरान लगभग शाम 4 बजे गांव के पास ट्रॉली से साउंड सिस्टम उतारने की कोशिश की जा रही थी और पंडाल का सामान उतार रहे थे । उसी वक्त 440 वोल्ट की एलटी तार की चपेट में विजय सरोज और सनी गौतम आ गए।

करंट लगते ही दोनों युवक बुरी तरह झुलसकर जमीन पर गिर पड़े। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद लोग तत्काल घायलों को लेकर रानीगंज ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

गांव में पहली बार हुआ दुर्गा पूजा आयोजन

शाहपुर गांव के लोगों ने इस बार पहली बार सामूहिक रूप से दुर्गा पूजा का आयोजन किया था। गांव की सरोज बस्ती में पूजा पंडाल सजाया गया था और ग्रामीणों ने मिलकर मूर्ति की स्थापना की थी। सप्ताहभर तक श्रद्धालुओं और ग्रामीणों में उल्लास का माहौल बना रहा। मगर प्रतिमा विसर्जन के बाद लौटते समय हुए इस हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि इस आयोजन के लिए किसी भी सरकारी विभाग से अनुमति नहीं ली गई थी। युवाओं ने अपनी पहल पर मूर्ति स्थापना और पंडाल का निर्माण किया था। पुलिस अधिकारियों ने भी बताया कि आयोजन की कोई अनुमति प्रशासनिक स्तर पर दर्ज नहीं है।

मृतकों का परिवार और दर्द

हादसे ने दो परिवारों को उजाड़ कर रख दिया है। मृतक विजय सरोज शटरिंग का काम करता था और मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। बड़े बेटे की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी और बेटियों की परवरिश का बोझ अब पूरी तरह परिवार पर आ गया है।

वहीं, 18 वर्षीय सनी गौतम चार भाइयों में सबसे छोटा था। वह पढ़ाई कर रहा था और भविष्य के लिए परिवार की उम्मीदों का केंद्र था। उसके असमय निधन से परिजन बेसुध हैं। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है।

ग्रामीणों में आक्रोश और बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल

हादसे के बाद गांव में शोक के साथ-साथ आक्रोश का माहौल भी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ऊपर से गुजर रही लाइन पहले से ही खतरे का सबब बनी हुई है। कई बार इसकी ऊंचाई कम होने की वजह से तारों का संपर्क आसानी से ऊंचे वाहनों या उपकरणों से हो जाता है। इसके बावजूद बिजली विभाग ने कभी ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने कहा कि अगर लाइन को सुरक्षित ऊंचाई पर किया गया होता तो यह हादसा टल सकता था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बिना अनुमति के पंडाल और मूर्ति स्थापना कर दी गई थी। यह भी जांच का विषय है कि बिजली की तारों के नजदीक डीजे और साउंड सिस्टम क्यों उतारा जा रहा था। प्रशासन अब इस घटना की जांच कर रहा है।

मातमी सन्नाटा :हादसे की खबर मिलते ही आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग शाहपुर पहुंच गए। घरों में चीख-पुकार मच गई। महिलाएं रो-रोकर बेहोश हो रही थीं। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। शवों का पंचनामा कर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रविवार सुबह दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जहां हजारों ग्रामीण मौजूद रहे।

बिजली विभाग की भूमिका पर भी उठे सवाल

स्थानीय लोगों ने कहा कि 11 हजार  वोल्ट की लाइन गांव के बीच से गुजर रही है, जबकि इसे आबादी से बाहर ले जाने की मांग बार-बार उठती रही है। कई बार हादसे होते-होते बचे हैं, लेकिन इस बार दो निर्दोष युवकों की जान चली गई। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी ने इस हादसे को जन्म दिया है।

पुलिस और प्रशासन का बयान

रानीगंज थाना प्रभारी ने बताया कि हादसा शनिवार शाम लगभग चार बजे हुआ। प्रतिमा विसर्जन के बाद लौटते समय साउंड सिस्टम हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया, जिससे दोनों युवक करंट की चपेट में आए। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी ने यह भी स्वीकार किया कि इस दुर्गा पूजा आयोजन के लिए कोई अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी

दुर्गा पूजा के आनंद और उत्सव का समापन शाहपुर गांव में एक दिल दहला देने वाले हादसे के साथ हुआ। पहली बार आयोजित हुई पूजा ने गांव को खुशी के माहौल में डुबो दिया था, लेकिन विसर्जन के बाद लौटते समय दो युवकों की मौत ने पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया। अब ग्रामीण प्रशासन और बिजली विभाग से सुरक्षा इंतजामों की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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