प्रतापगढ़ जनपद में एक बार फिर हिंसा ने इंसाफ के रखवालों को झकझोर कर रख दिया। भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी की बहन के अधिवक्ता ससुर एवं वरिष्ठ वकील रूद्र प्रताप पांडेय (71 वर्ष) की जमीन विवाद में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना सांगीपुर थाना क्षेत्र के बवरिहा गांव की है।

बीते 22 अक्टूबर को रूद्र प्रताप अपने घर के बाहर बैठे थे, तभी पड़ोसी परिवार ने धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। इस हमले में हाईकोर्ट अधिवक्ता बालकृष्ण पांडेय, अभिषेक पांडेय और भानु प्रताप पांडेय गंभीर रूप से घायल हुए थे। मौके पर मौजूद लोगों ने एक आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया, जबकि बाकी आरोपी फरार हो गए।

घटना के बाद घायलों को लालगंज सीएचसी से लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया। 14 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद सोमवार देर रात रूद्र प्रताप पांडेय का निधन हो गया।

जैसे ही मौत की खबर फैली, लालगंज तहसील परिसर में मातम और गुस्से का माहौल फैल गया। सैकड़ों वकील न्यायिक कार्य ठप कर सड़क पर उतर आए। मंगलवार को लखनऊ-प्रतापगढ़ हाईवे पर वकीलों ने शव रखकर जाम लगा दिया, जिससे घंटों यातायात ठप रहा।

वकीलों ने मुआवजे और सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर स्थिति को काबू में किया और शव को अंतिम संस्कार के लिए घर भेजा।

मुख्य बिंदु:

मृतक: वरिष्ठ अधिवक्ता रूद्र प्रताप पांडेय (71)

संबंध: भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी के बहन के ससुर

घटना: 22 अक्टूबर, जमीन विवाद में हमला

मौत: 14 दिन बाद, इलाज के दौरान लखनऊ में

कार्रवाई: 6 नामजद सहित कई अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, एक गिरफ्तार

आक्रोश: वकीलों ने हाईवे जाम कर धरना दिया अधिवक्ताओं का कहना है — “अगर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो जिलेभर में न्यायिक कार्य ठप कर दिया जाएगा।”

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