₹3 करोड़ से अधिक की नकदी व मादक पदार्थ बरामद
रीना मिश्रा सहित पांच गिरफ्तार,

जेल में बंद राजेश मिश्रा देता था गिरोह को तस्करी के टिप्स, फर्जी दस्तावेजों से कराई थी जमानत

प्रतापगढ़।मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रतापगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। थाना मानिकपुर पुलिस ने शनिवार को एक अंतर्राज्यीय तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सवा तीन करोड़ से अधिक की बरामदगी की है। इस गैंग का सरगना कोई और नहीं, बल्कि जेल में बंद कुख्यात माफिया राजेश मिश्रा है, जो जेल से ही अपने परिवार के जरिये तस्करी का पूरा नेटवर्क संचालित कर रहा था। पुलिस ने गिरोह की मुखिया रीना मिश्रा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कार्रवाई के दौरान ₹2.01 करोड़ से अधिक नकदी, गांजा और स्मैक बरामद की गई है।

ADG प्रयागराज जोन के निर्देशन में ऑपरेशन — तस्करी नेटवर्क ध्वस्त

अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन एवं पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज रेंज के मार्गदर्शन में, पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ श्री दीपक भूकर के कुशल निर्देशन तथा अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) श्री बृजनन्दन राय एवं क्षेत्राधिकारी कुण्डा श्री अमरनाथ गुप्ता के पर्यवेक्षण में थाना मानिकपुर पुलिस ने यह अभूतपूर्व कार्रवाई की।

पुलिस टीम ने शनिवार की सुबह मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त गिरोह के ठिकाने पर छापा मारा। दबिश के दौरान पुलिस ने जेल में बंद गैंग सरगना राजेश मिश्रा के घर से ₹2,01,55,345 नकद, 6.075 किलोग्राम गांजा और 577 ग्राम स्मैक (हेरोइन) बरामद की। बरामदगी की कुल अनुमानित कीमत ₹3 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।

पैसा गिनते पुलिस कर्मी

पुलिस के पहुंचते ही घर में बंद हो गई रीना — पन्नियों में छिपाया था माल

छापेमारी के वक्त जब पुलिस टीम मुन्दीपुर स्थित राजेश मिश्रा के आवास पर पहुंची तो घर के अंदर से दरवाजा बंद कर लिया गया। पुलिस ने किसी तरह दरवाजा खुलवाया, तो देखा कि अंदर मौजूद लोग काले पन्नियों में मादक पदार्थ छिपाने की कोशिश कर रहे थे। तलाशी में भारी मात्रा में गांजा, स्मैक और नकदी के बंडल बरामद हुए। मौके पर रीना मिश्रा (पत्नी राजेश मिश्रा), पुत्र विनायक मिश्रा, पुत्री कोमल मिश्रा, रिश्तेदार अजीत कुमार मिश्रा व यश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया।

फर्जी दस्तावेजों से कराई थी राजेश मिश्रा की जमानत

पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि जेल में बंद राजेश मिश्रा ने अपने गिरोह को जेल से ही तस्करी के ‘टिप्स’ दिए थे। इतना ही नहीं, उसकी जमानत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराई गई थी। रीना मिश्रा और उसका पुत्र विनायक मिश्रा ने एक व्यक्ति के नाम से नकली दस्तावेज तैयार कर अदालत में प्रस्तुत किए, जिससे राजेश मिश्रा की धोखाधड़ीपूर्वक जमानत स्वीकृत कराई गई। इस मामले में थाना मानिकपुर पर मु.अ.सं. 239/25 धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5), 61(2), 234, 235 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पहले ही ₹3 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क हो चुकी

यह वही राजेश मिश्रा है जिसकी अवैध रूप से अर्जित चल-अचल संपत्तियाँ पहले ही ₹3,06,26,895.50/- की कुर्क की जा चुकी हैं। थाना मानिकपुर पर पूर्व में दर्ज मु.अ.सं. 67/2025 धारा 2/3 गिरोहबंद एवं असामाजिक गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत यह कुर्की की गई थी।

रुबरु इंडिया। पुलिस लाइन में पूरे मामले का भंडाफोड़ करनी वाले टीम पुलिस अधीक्षक के साथ

SP दीपक भूकर बोले — “यह थाना स्तर की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक श्री दीपक भूकर ने बताया कि यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी तस्करी-रोधी छापेमारी है। उन्होंने कहा कि “राजेश मिश्रा लंबे समय से नशे के धंधे में सक्रिय था और जेल में रहते हुए भी वह अपने परिवार के जरिये कारोबार चला रहा था। इस गिरोह की जड़ें अब उखाड़ दी गई हैं और आगे भी इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।”

गैंग लीडर का नेटवर्क — प्रतापगढ़ से रीवा तक फैला कारोबार

पुलिस जांच में सामने आया है कि राजेश मिश्रा का नेटवर्क केवल प्रतापगढ़ तक सीमित नहीं था, बल्कि मध्य प्रदेश के रीवा सहित कई जिलों तक फैला हुआ था। राजेश मिश्रा के खिलाफ दर्ज पुराने मामलों से स्पष्ट है कि वह वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा था। उसकी गिरोहबंदी, संपत्ति कुर्की और अब यह बरामदगी साबित करती है कि उसने नशे के कारोबार से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की।

रीना मिश्रा और परिवार के खिलाफ लंबा आपराधिक इतिहास

गिरफ्तार रीना मिश्रा के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के कई मामले पहले से दर्ज हैं।

रीना मिश्रा का आपराधिक इतिहास:

1. मु.अ.सं.-85/21, धारा-8/20 एनडीपीएस ऐक्ट, थाना मानिकपुर।

2. मु.अ.सं.-212/23, धारा-323, 506 भा.द.वि., थाना मानिकपुर।

3. मु.अ.सं.-253/23, धारा-353, 332, 323 भा.द.वि., थाना मानिकपुर।

4. मु.अ.सं.-30/24, धारा-8/20 एनडीपीएस ऐक्ट, थाना मानिकपुर।

5. मु.अ.सं.-67/25, धारा-2/3 गैंगेस्टर ऐक्ट, थाना मानिकपुर।

6. मु.अ.सं.-239/25 व 240/25 (एनडीपीएस व बीएनएस की धाराएँ)।

पुत्र विनायक मिश्रा के खिलाफ भी ताजा मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं।

गैंग लीडर राजेश मिश्रा का आपराधिक रिकॉर्ड चौंकाने वाला

राजेश मिश्रा का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे वर्ष 2009 से लेकर 2025 तक लगातार चले आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर एनडीपीएस एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट और गंभीर धाराओं के अंतर्गत हैं।
वह प्रतापगढ़ के साथ-साथ रीवा (मध्य प्रदेश) में भी मादक पदार्थों के मामलों में अभियुक्त रह चुका है। कुल मिलाकर उसके खिलाफ 14 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

बरामदगी का विवरण

नकद: ₹2,01,55,345/- (रुपये दो करोड़ एक लाख पचपन हजार तीन सौ पैंतालीस मात्र)

गांजा: 6.075 किलोग्राम (कीमत लगभग ₹3,03,750/-)

स्मैक (हेरोइन): 577 ग्राम (कीमत ₹1,15,40,000/-)
कुल अनुमानित कीमत — ₹3 करोड़ से अधिक

गिरफ्तार आरोपियों की सूची

1. रीना मिश्रा (40 वर्ष) पत्नी राजेश मिश्रा

2. विनायक मिश्रा (19 वर्ष) पुत्र राजेश मिश्रा

3. कोमल मिश्रा (20 वर्ष) पुत्री राजेश मिश्रा

4. यश मिश्रा (19 वर्ष) पुत्र अजीत कुमार मिश्रा

5. अजीत कुमार मिश्रा (32 वर्ष) पुत्र पवन कुमार मिश्रा

सभी अभियुक्त ग्राम मुन्दीपुर, थाना मानिकपुर, जनपद प्रतापगढ़ के निवासी हैं।

पुलिस टीम को ₹25,000 का नकद पुरस्कार

इस उत्कृष्ट कार्रवाई, त्वरित तत्परता और पेशेवर दक्षता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने मानिकपुर पुलिस टीम को ₹25,000 का नकद इनाम देने की घोषणा की है।
इस छापेमारी में प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में उपनिरीक्षक उमेश प्रताप सिंह, अमरनाथ सिंह, संजय कुमार, अचिन्त्य शुक्ल, संतोष यादव, देवीदीन बुंदेला और अन्य पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नशे के कारोबार पर बड़ा प्रहार

यह कार्रवाई जिले में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक मील का पत्थर मानी जा रही है। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और आसपास के जिलों में भी इसकी सप्लाई चेन फैली हुई थी।
एसपी ने कहा कि — “पुलिस संगठित अपराध और तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। इस गिरोह की कमर तोड़ दी गई है, अब इसकी पूरी जड़ें उखाड़ने की दिशा में कार्रवाई होगी।”

मानिकपुर पुलिस की इस कार्रवाई से जहां जिलेभर में खलबली मच गई है, वहीं यह भी साबित हो गया कि जेल की दीवारें भी माफिया राजेश मिश्रा के तस्करी साम्राज्य को रोक नहीं पाई थीं। परंतु पुलिस की सटीक योजना और तत्परता ने न केवल सवा तीन करोड़ का माल बरामद किया बल्कि एक पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया — जिससे नशे के धंधे की रीढ़ टूट गई।

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