हत्या व लूट के मामले में दिवाकर दूबे को आजीवन कारावास, 70 हजार का अर्थदंड
जिला एवं सत्र न्यायालय प्रतापगढ़ का बड़ा फैसला
प्रतापगढ़। जिला एवं सत्र न्यायालय प्रतापगढ़ ने हत्या और लूट के बहुचर्चित मामले में सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अभियुक्त दिवाकर दूबे निवासी चिलबिला को सश्रम आजीवन कारावास और कुल 70,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने धारा 302 एवं 394 भादवि के तहत दोष सिद्ध पाए जाने पर यह दंडात्मक आदेश पारित किया।
मामला 1 अप्रैल 2023 का है, जब चिलबिला क्षेत्र में हुई घटना के बाद हत्या और लूट की धाराओं में मुकदमा अपराध संख्या 196/2023 दर्ज किया गया था। घटना में दो व्यक्तियों—दिवाकर दूबे और पिंकू पथरकट—को नामजद किया गया था। विवेचना पूर्ण होने के बाद 19 सितंबर 2023 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था। लंबे न्यायिक परीक्षण के बाद न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों, परिस्थितिजन्य प्रमाणों और गवाहियों के आधार पर दिवाकर दूबे को दोषी करार दे दिया।
दिवाकर दूबे को मिली सजा
1. धारा 302 के तहत—सश्रम आजीवन कारावास तथा 50,000 रुपए अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास।
2. धारा 394 के तहत—10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 20,000 रुपए अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास।
3. अभियुक्त द्वारा पूर्व में जेल में बिताई गई अवधि को अंतिम सजा में समायोजित किया जाएगा।
4. दोनों सजाएँ साथ–साथ चलेंगी।
वहीं, सह अभियुक्त पिंकू पथरकट को न्यायालय ने मामले में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर पिंकू के विरुद्ध हत्या और लूट के आरोप संदेह से परे सिद्ध नहीं हो पाए।
न्यायालय के इस निर्णय के साथ दो वर्ष से अधिक समय से लंबित यह मामला निर्णायक रूप से समाप्त हो गया। आदेश के बाद दोषी को जेल भेज दिया गया, जबकि पिंकू पथरकट को रिहा करने का निर्देश दिया गया है।








