मथुरा देश के चर्चित राजा मान सिंह हत्याकाण्ड में आज मथुरा जिला न्यायालय ने अपने फैसले में डिप्टी एसपी सहित 11 पुलिस कर्मियों को आजीवन कारावास सजा से दण्डित किया गया जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया।
मंगलवार को तीन पुलिस आरोपियों को न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया था जबकि 3 आरोपियों की मौत हो गई थी। सीओ के जीप चालक पूर्व में ही दोष मुक्त हो चुका था।
मथुरा जिला एवं सत्र न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर ने आज दोपहर खचाखच भरी अदालत में राजा मान सिंह हत्या काण्ड में डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिस कर्मियों को धारा 148, 149, 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया। जिला न्यायाधीश द्वारा 21 जुलाई मंगलवार को दोषी करार दिया गया था जिनकी सजा पर आज फैसला सुनाया गया।
घटना के मुताबिक राजस्थान के भरतपुर राज घराने के राजा मान सिंह एवं उनके दो निजी अंगरक्षकों सुम्मेर सिंह, हरी सिंह की चुनाव प्रचार के दोरान 21 फरवरी 1985 को डींग की अनाज मण्डी में गोली मारकर हतया कर दी गई थी। जिसमें सीबीआई जांच के बाद डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी सहित 18 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट जयपुर में आरोप पत्र दाखिल किया था। पीड़ित पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1990 में मुकद्मे को राजस्थान से उ.प्र. के मथुरा जिला न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया।
मथुरा जिला न्यायालय में केस की सुनवाई के दौरान 3 आरोपी पुलिस कर्मियों की मौत हो गई जबकि पुलिस जीप चालक को आरोप मुक्त कर दिया गया। 9 जुलाई 2020 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर ने मुकद्मे की सुनवाई पूर्ण करते हुए 21 जुलाई को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। जिस पर मंगलवार को मथुरा न्यायालय ने 11 आरोपियों डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी, एसओ वीरेन्द्र सिंह, सिपाही सुखराम, जीवनराम, जगमोहन, भंवर सिंह, हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमा, सब इंस्पैक्टर रवि शंकर मिश्रा को घटना का दोषी मानते हुए आरोप सिद्ध किये गये थे। जिनकी सजा पर जिला न्यायाधीश ने आज फैसला सुनाते हुए सभी 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। घटना के तीन अन्य आरोपी क्राइम इंस्पैक्टर कान सिंह, सिरवी सिपाही, हरी किशन, गोविन्द राम को जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर ने निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया गया था।