नई दिल्ली
60 दिन में मिले पहले एक हजार केस, अब 12 दिन में 5.5 हजार , एक दिन में सर्वाधिक 37 मौते ।
दो सप्ताह में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। शुरुआती एक हजार मरीज 60 दिन में मिले थे, पर बीते 12 दिन में साढ़े पांच हजार नए मरीज मिले हैं। अधिक जांच और 1600 से ज्यादा जमातियों से यह उछाल आया।
29 मार्च से शुक्रवार तक देश में जांचें 22 हजार से 1.44 लाख को पार कर गईं। औसतन 4 फीसदी ही संक्रमित मिले।
लॉकडाउन के पहले सप्ताह में 24 से 31 मार्च तक 22,081 जांच हुई। 1 से 7 अप्रैल में जांचें तीन गुना बढ़ गई।
इस सप्ताह में प्रति 100 सैंपल में औसतन 2.3 से 5.7 फीसदी पॉजिटिव मिले। 67,664 सैंपल जांचे गए, इनमें संदिग्ध या क्वारंटीन शामिल हैं।
जांच में बदलाव का असर यह…
विशेषज्ञों के अनुसार 31 मार्च के बाद जांच प्रक्रिया में बदलाव किए गए, लेकिन असर 3 अप्रैल को दिखाई दिया, जब 1 से 2 अप्रैल में प्रभावित इलाकों में जांच हुई तो प्रति 100 सैंपल में औसतन 5.7 फीसदी संक्रमित पाए गए। चार तारीख को 2.9, पांच को 3.2, छह को 2.7 और सात अप्रैल को 2.3 फीसदी मरीज संक्रमित मिले।
सामुदायिक संक्रमण नहीं, देश में अब मरीज 6,761 हुए…
स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस देश में अब तक सामुदायिक प्रसार के स्तर पर नहीं पहुंचा है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, जागरूक व सतर्क रहने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी मान लिया कि भारत में अभी सामुदायिक संक्रमण का कोई केस नहीं है। दरअसल, संगठन ने हाल में कहा था कि भारत में महामारी का तीसरा चरण शुरू हो चुका है।
इस बीच, देश में मरीजों की संख्या 6,761 हो गई, वहीं 206 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बीते 24 घंटे में संक्रमितों के 896 नए मामले सामने आए और 37 लोगों ने जान गंवा दी, यह अब तक का सबसे अधिक संख्या है। वहीं, 515 लोग ठीक हो चुके हैं।
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में 5,911 गंभीर सांस रोगियों में 104 संक्रमित मिले हैं। इनमें से 40 मरीजों में संक्रमण कहां से आया, इसकी जानकारी नहीं मिली है। विशेषज्ञ इसी अध्ययन को सामुदायिक फैलाव से जोड़कर देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, बृहस्पतिवार को देश में 16,002 की जांच में 2 फीसदी नमूने ही पॉजिटिव मिले। उन्होंने बताया, हॉटस्पॉट में सर्दी, जुकाम, बुखार मिलने पर ही कोरोना जांच होगी। अग्रवाल ने कहा, स्वास्थ्यकर्मी विपरीत हालात में मोर्चा संभाले हुए हैं, उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार मनोबल को प्रभावित करता है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन गोलियों की घरेलू जरूरत एक करोड़ है, जबकि हमारे पास 3.28 करोड़ गोलियां हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता दम्मू रवि ने बताया कि इस दवा को लेकर कई अनुरोध आए थे। ऐसे में घरेलू जरूरतों के बाद निर्यात का निर्णय हुआ। उन्होंने यह भी बताया, 20,473 विदेशी नागरिकों को स्वदेश भेजा जा चुका है।
पंजाब और उत्तराखंड ने भी बढ़ाया लॉकडाउन, राजस्थान भी तैयार…
ओडिशा के बाद पंजाब व उत्तराखंड ने लॉकडाउन बढ़ा दिया है। पंजाब में1 मई तक, तो उत्तराखंड में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। राजस्थान सरकार ने भी फैसला कर लिया, पर घोषणा शनिवार को करेंगे। पंजाब के 17 जिले वायरस की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा मोहाली प्रभावित है, यहां डेरा बस्सी के जवाहरपुर गांव में ही 32 मरीज हैं।