कन्नौज पुलिस ने रमजान शुरू होते ही एक नये विवाद को जन्म दे दिया है। पुलिस ने यहां मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान देने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। पुलिस की इस कार्यवाही से रोजेदारों में आक्रोश पनपने लगा है। इसे लेकर शहर काजी ने जिलाधिकारी को पत्र लिख लाउडस्पीकर पर अजान देने से पाबंदी हटाये जाने की मांग की है। वही सपा ने भी इसे गलत बताते हुए एक ज्ञापन डीएम को सौंपा।
कन्नौज जिले की मस्जिदों में रमजान से पहले लाउडस्पीकरों से अजान दी जा रही थी, लेकिन रमजान शुरू होते ही पुलिस प्रशासन ने लाउडस्पीकरों से अजान पर पाबंदी लगा दी। अफसर इसकी कोई ठोस वजह भी नही बता पाये। अजान से पाबंदी हटाये जाने का पत्र डीएम को सौंपते हुये शहर काजी अहमद सईद मुजद्दिदी ने कहा कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही मस्जिदों में इमाम और अजान देने वाले ही रुक रहे हैं। हम लागातार सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं और कोरोना से जंग में सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इबादत कर रहे हैं।
अजान का मकसद सिर्फ इतना होता है कि आम मुसलमानों को यह जानकारी हो जाए कि अब नमाज के वक्त हो गया है। रमजान में सहरी के बदलते वक्त की जानकारी भी मस्जिदों से दी जाती है। जो लाउडस्पीकर बन्द होने के बाद रोजेदारों को नही हो पा रही है। लेकिन जिस तरह कई मस्जिदों में जबरन पुलिस लाउडस्पीकर बन्द करने का दबाव बना रही है। वह पूरी तरह गलत है, शहर काजी ने जिलाधिकारी से लाउडस्पीकरों से अजान देने की अपील की है। सयुस के प्रदेश सचिव हसीब हसन ने भी लाउडस्पीकर से अजान देने पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है।
इस मामले में प्रशासनिक अफसर भी ज्यादा कुछ बताने में झिझक रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग शासनादेश का एक बार फिर से अध्ययन करेंगे उसके बाद जो उचित होगा निर्णय लिया जाएगा।