विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO तथा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक एक स्वस्थ्य व सामान्य इंसान में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए. कोरोना सीधे तौर पर फेफड़ों और श्वसन प्रक्रिया को प्रभावित करता है
बता दें कि शरीर में खून में मौजूद हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन का वाहक होता है ये पूरे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है ऑक्सीजन की कमी के कारण थकान महसूस होती है व सांस फूलने लगती है ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ा जाता है यहीं नहीं ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाता है जो जानलेवा होता है ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है
अगर किसी भी मरीज को ऐसा लगता है कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है तो उसे बेड या जमीन पर पेट के बल सोने के लिए कहा जाता है. इसे प्रोन पॉजिशिनिंग कहा जाता है पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन लेवल तेजी से बढ़ता है. इस पॉजिशन में मरीज का पेट बिस्तर पर और पीठ ऊपर रहना चाहि. इससे फेफड़े तेजी से काम करने लगते हैं और सांस लेने में राहत मिलती है
- ऑक्सीजन लेने में परेशानी होने पर पेट के बल सामने की तरफ लेट जाएं
- सर, कमर, कुल्हे व पैरों के नीचे कई तकिया रखें
- सुनिश्चित करें कि आपका सर आरामदायक स्थिति में हो
- एक से दो घंटे में अपने पॉजिशन को बदल ले
- समय-समय पर ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें