प्रतापगढ़। जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही की अध्यक्षता में आज विकास भवन के सभागार में खेल मैदान, चारागाह, प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत शौचालय, गो आश्रय स्थल के कार्यो समीक्षा की। जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम एक खेल का मैदान अवश्य हो इस पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी के साथ समीक्षा की। विकास खण्ड कालाकांकर की समीक्षा में पाया गया कि 62 खेल के मैदान में से 02 का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिस पर जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी कालाकांकर को कड़ी फटकार लगायी और चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। विकास खण्ड बाबा बेलखरनाथ धाम की समीक्षा में पाया गया कि 62 खेल के मैदान में से अभी तक एक भी कार्य प्रारम्भ नही किया गया जिस पर जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी बाबा बेलखरनाथ धाम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने बैठक में सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों, ए0डी0ओ0 पंचायत को निर्देशित किया कि खेल के मैदान के कार्यो में यदि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा रूचि नही ली जाती है तो वेतन रोकने की कार्यवाही की जायेगी।
चारागाह की समीक्षा के दौरान कुछ विकास खण्डों क्रमशः कालाकांकर, कुण्डा, बिहार, गौरा की प्रगति बहुत ही खराब पायी गयी जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये खण्ड विकास अधिकारी, उपजिलाधिकारी एवं ए0डी0ओ0 पंचायत को निर्देशित किया कि प्रगति में सुधार लाया जाये। प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत निर्मित शौचालयों की समीक्षा के दौरान विकास खण्ड पट्टी में प्रधानमंत्री आवास के अन्तर्गत निर्मित शौचालय लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण न होने पर खण्ड विकास अधिकारी पट्टी, ए0डी0ओ0 पंचायत व ए0पी0ओ0 के वेतन रोकने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत सभी आवासां में शौचालय अनिवार्य रूप से बन जाये नही तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर और आंगनबाड़ी केन्द्र के कार्यो की निगरानी रखी जाये और 31 मार्च 2020 तक कार्य पूर्ण कर लिये जाये।
जिलाधिकारी ने गो आश्रय स्थलों के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ चर्चा की और कहा कि अवारा पशुओं को किसी कार्यालय, विद्यालय या पंचायत भवन में बन्द करना अपराध है एवं मृत पशुओं को कुत्ता या पक्षी नोचते हुये पाये जाते है तो ग्राम प्रधान एवं सेक्रेटरी इसके जिम्मेदार होगें और उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि गो आश्रय स्थलों में चारा-पानी की व्यवस्था से सम्बन्धित, पशुओं की संख्या से सम्बन्धित, अधिकारियों द्वारा निरीक्षण से सम्बन्धित रजिस्टर रखे जाये जिसमें प्रतिदिन की सूचनायें अंकित होती रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि अवारा पशु किसके है इसे चिन्हित करने के लिये ईअर टैगिंग कराया जाये और इस कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होने समस्त उपजिलाधिकारियो ंको निर्देशित करते हुये कहा कि जो पशुपालक अपने पशुओं को दूध निकालने के बाद छोड़ देते है उनके लिये एक प्राविधान बनाये और उनसे अर्थदण्ड वसूले जिससे पशुपालक अपने पशुओं को अवारा न छोड़े। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 अमित पाल शर्मा, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य सहित समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।