डिग्रियां तो शैक्षिक खर्चों की रसीदें मात्र हैं,
वास्तविक शिक्षा तो वही है जो आचरण से झलकती है
एक खास बातचीत उनके गाँव के मोहम्मद शादाब ने क्या कुछ कहा समाजसेवी लियाकत अली के बारे में
आज मैं एक ऐसे महान शख्स के बारे में कुछ बता न चाहता हूं कि जो अपनी कड़ी परिश्रम वह मेहनत के बल पर आज ऐसे मकाम हासिल किए हैं कि हमारा पूरा गांव दुर्गागंज उनका नाम सुनकर बहुत ही गर्व महसूस करता है जोकि हर समाज के धड़कन चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम हो सब उनकी बहुत ही आदर करते हैं उनका नाम सब बड़े इज्जत से लेते हैं
लियाकत अली गरीबो के मसीहा
यह वह नाम है जो हर समाज के गरीबों के मसीहा के नाम से जाने जाते हैं और हम जैसे नौजवान युवाओं के आन बान शान सब कुछ है
कभी-कभी मेरा दिल कहता है कि ऐसे महान शख्स की मुझे खिदमत करने का मौका मिल जाए तो कितना खुश किस्मत वाला बन जाऊंगा
हमारा ग्राम दुर्गागंज से ऐसे महान शख्स ने इस धरती पर जन्म अवतरण “लिए और अपनी इस ऊंची मकाम पर रहकर गांव के बड़े-बड़े मसले हल किए है
जैसे ईदगाह, कब्रिस्तान, मदरसा और तो और अभी एक बेहद शानदार खूबसूरत मस्जिद की तामीर करा रहे हैं हमारे ख्याल से ऐसा खूबसूरत मस्जिद पूरे इंडिया में नहीं होगा और और ऐसे बहुत से नेक काम किए हैं बल्कि यही नहीं हमारे गांव के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था किए की रात भी रात गरीब आदमी परेशान ना हो जो कि हर समुदाय विशेष के लिए है वह एंबुलेंस और हर साल हमारे गांव से सटे 10,12 गांव के जितने भी गरीब तबके के लोग हैं उनकी हर संभव मदद करते रहते हैं ठंडी के मौसम में ठण्ड से बचने के लिए हजारों हजार रजाई व गद्दा, एवं ईद के मौके पर पूरे रमजान शरीफ की जो जरूरत चीज है वह सब मुहैया करवाते हैं
हमारे ख्याल से उनके पास जो भी मदद के लिए जाता है कभी खाली हाथ वापस नहीं आता,,,!!!!!
मैं दुआ करता हूं की अल्लाह उनके बिजनेस में और बरकत दे और अल्लाह उनको हमेशा सलामत रखे ।
ये बताते हुए सादाब कई बार भावुक भी हुए।