लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना तैयारी के लाकडाउन किया, जिसकी वजह से मजदूरों और श्रमिकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। केंद्र और राज्य सरकार ने मजदूरों की कोई मदद नहीं की। उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया। मजदूरों के सामने ऐसा संकट इससे पहले कभी नहीं आया था। अगर उत्तर प्रदेश सरकार चाहती तो मजदूरों को पैदल नहीं चलना पड़ता। यूपी सरकार के बेड़े में सरकारी, निजी और स्कूलों की मिलाकर 70 हजार बसें हैं। इसी तरह से केंद्र सरकार को मजदूरों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाने के लिए ट्रेनों को चलाना चाहिए था। श्री यादव ने कहा कि बीमारी खत्म नहीं हुई है, बल्कि लगातार बढ़ रही है। सरकार को और मेडिकल फैसिलिटी और टेस्टिंग और बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यूपी सरकार पर आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास दिव्य दृष्टि और दिव्य गणित है, वह क्या सोचते हैं और क्या बयान देते हैं, वही जाने। अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरुआत में इस बीमारी का राजनीतिक लाभ लेना चाहती थी। उसने ताली थाली बजवाने से लेकर और तमाम चीजें की। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार उसने नफरत फैलाने की भी राजनीति की। जबकि सरकार को दुनिया के दूसरे देशों से सबक लेना चाहिए था और उसी स्तर की तैयारी होनी चाहिए थी। यादव ने कहा कि अगर यूपी में सपा की सरकार होती है तो मजदूरों को पैदल नहीं चलना पड़ता और पलायन रोकने के लिए भी उन्हें समझाते और भरोसा दिलाते। यादव ने कहा कि इस समय मजदूरों को भोजन, आवास और रोजगार की आवश्यकता है। सरकार को उस दिशा में काम करना चाहिए। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया है, इसमें मजदूरों और किसानों को कितना मिला। यह पैकेज मदद नहीं है, यह कर्ज है। इस समय कोई कर्ज नहीं लेना चाहता है। गन्ना किसानों का मूल्य बकाया है। गेहूं और धान की फसल की कीमत किसानों को नहीं मिली। किसान तो बर्बाद हो गया है। पिछले दो महीनों में दूध से लेकर फल और सब्जियां बर्बाद हो गई। लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा का रास्ता एक है। जो काम उद्योगपतियों के लिए पहले कांग्रेस करती रही थी, अब वही भाजपा कर रही है। जब देश ने बीमारी कम थी, तब सरकार ने डराने का काम किया। अब जब बीमारी ज्यादा है, संक्रमण में बढ़ चुका है। तब कह रहे हैं कि बीमारी से बचाव कीजिए। उन्होंने कहा कि लोगों को बीमारी से जागरूक करना चाहिए था, सही तरीके से समझाना चाहिए था। लेकिन सरकार नफरत फैलाने की राजनीति करती रही। आरोप-प्रत्यारोप करती रही। सरकार ने बीमारी को भी अपराधिक बना दिया। मुकदमे दर्ज कराने लगी, दुनिया में ऐसा कहीं नहीं हुआ होगा। उन्होंने कहा कि बीमारी की शुरुआत जब हुई तो सरकार रोक नहीं पाई। पता था कि बीमारी कहां से आ रही है। फिर भी एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग नहीं हुई। जब स्थिति बेकाबू हो गई तो लाक डाउन किया। लेकिन बीमारी नहीं रुकी और अर्थव्यवस्था भी डूब गई। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की बात कर रही है, लेकिन उसे बताना चाहिए कि पिछले 3 साल में जो एमओयू हुआ था उस से कितने लोगों को रोजगार मिला। इन्वेस्टर मीट में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आए थे। लेकिन आज तक एक भी एमओयू जमीन पर नहीं उतर पाया। सरकार को बताना चाहिए 3 साल में कितने का निवेश आया। सपा अध्यक्ष ने करोना संक्रमण के रोकने के मामले में भाजपा सरकार को पूरी तरह से असफल बताते हुए कहा कि जनता में सरकार का भरोसा नहीं है, प्रतिनिधि परेशान हैं। ऐसे में सरकार को तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए। जिसमें जनप्रतिनिधि अपनी और जनभावना सदन के सामने ला सकें। दिल्ली और एनसीआर से जुड़े राज्यों द्वारा बॉर्डर सील किए जाने के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए। जब गृह मंत्रालय की एडवाइजरी जारी हो गई है, तो राज्य अपने मन से कैसे इस तरह का फैसला ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि राज्य केंद्र सरकार की सुनना नहीं चाहते हैं। अगर बॉर्डर सील हो जाएगा तो आवागमन बंद हो जाएगा फिर कारोबार कैसे चलेगा। इस समय बीमारी रोकने की भी जरूरत है और सावधानी कारोबार भी चलना चाहिए। सरकार को चाहिए कि लोगों को राहत दे कर्ज नहीं, कर्ज देने से काम नहीं चलेगा। अखिलेश यादव ने एक बार फिर कहा कि समाजवादी पार्टी के सभी नेताओं की राय है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बसपा या किसी बड़े दल के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। जिन छोटे दलों के साथ पहले से गठबंधन था उनके साथ रहेगा। छोटे दलों के साथ रणनीति बनाकर चुनाव में अध्यक्ष करेंगे। चाचा शिवपाल यादव के लिए पार्टी ने अभी से जसवंतनगर सीट छोड़ दी है। आगे चुनाव के समय में एडजस्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी है और उसे खत्म क्यों किया जाए। चुनाव के समय रणनीति बनाएंगे।

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