प्रयागराज ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमिम) के पूर्व महानगर अध्यक्ष अफसर महमूद व युवा महानगर अध्यक्ष इफ्तेखार अहमद मंदर ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डॉ कफील खान की खिलाफ की गई राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए की कार्रवाई को निरस्त करते हुए तत्काल रिहा किए जाने की मांग करते हुए कहा कि 12-12-2019 को डॉक्टर कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान संवैधानिक दायरे में रहते हुए अपनी बात लोगों के समक्ष रखी थी अपने भाषण के दौरान डॉ कफील खान ने किसी भी ऐसी भाषा का अथवा शब्दों का प्रयोग नहीं किया जो गैर संविधानिक हो या किसी विशेष वर्ग के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की उसके बावजूद डॉक्टर कफील खान पर भड़काऊ भाषण का आरोप लगाते हुए 13-12-19 को उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर अलीगढ़ थाने पर दर्ज हुई थी जिसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अलीगढ़ द्वारा उन्हें जमानत प्रदान की गई परंतु सरकारी तंत्र की हीला हवाली के चलते माननीय न्यायालय से रिहाई परवाना जारी होने में 72 घंटे का समय लग गया उनकी रिहाई होने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम एनएसए के तहत कार्रवाई कर दी गई जिस कारण वह जेल से रिहा नहीं हो पाया और वर्तमान में जेल में बंद है उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार को बर्दाश्त नहीं है कि सरकार की गलत नीतियों और फैसलों के खिलाफ कोई अपनी आवाज़ उठाएं यदि डॉ कफील जैसा कोई व्यक्ति साहस करके अपनी आवाज उठाता है और किसी मुद्दे पर अपनी अपनी निजी राय रखता है तो उसे भड़काऊ भाषण की श्रेणी में दर्शित करते हुए उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम या यूएपीए की कार्रवाई करके उसे जेल में डाल दिया जाता है भला एक पढ़ा-लिखा समझदार व्यक्ति जो पेशे से डॉक्टर हो और सरकारी सेवक भी हो वह देश की सुरक्षा के लिए कैसे खतरा हो सकता हैl एम0आई0एम0 चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने डॉ कफील पर रासुका हटाने की मांग की है कफील पेशे से डॉक्टर हैं और इस वैश्विक बीमारी मैं उनकी सख्त जरूरत है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से रिहा करना चाहिए डॉ कफील खान को प्रताड़ित करने के उद्देश्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिना किसी ठोस वजह के उनके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है जो किसी भी प्रकार से संविधानिक नहीं है ।

संवाददाता मोहम्मद साबिर

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