मुहर्रम में घर पर ताजिया रखकर अजादारी करने की शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी की मांग को प्रदेश सरकार ने मान लिया है हालांकि मजलिस मेें पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे और जुलूस पर भी पहले की तरह रोक रहेगी घरों में ताज़िया रखने की मांग पूरी होने की जानकारी के बाद मौलाना ने देर रात अन्य धर्मगुरुओ के साथ चल रहा अपना धरना समाप्त कर दिया है।
इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम पर लगी पाबंदियां और यूपी के कई ज़िलों में बढ़ती प्रशासन की सख्तियों से नाराज़ मौलाना कल्बे जवाद ने लखनऊ में अपनी मांगों को लेकर शनिवार शाम धरना दिया। लखनऊ में गुफरान माब इमामबाड़े में प्रेस कांफ्रेंस के बाद सरकार से नाराज़ मौलाना धरने पर बैठ गए और घरो में ताज़िया रखने की इजाज़त मिलने की मांग करने लगे। देर रात ग्रह सचिव एस.के भगत से मौलाना के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हुई जिसके बाद घरों में ताज़िया रखने की यूपी में अनुमति दे दी गई। धरना खत्म करने के बाद मौलाना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा सबसे बड़ा मसला घरों में ताज़िया रखने का हल हो गया है और होम सेक्रेटरी एस के भगत ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को फोनकर आदेश दे दिए है। मौलाना ने कहा कि अभी मजलिस में गाइडलाइंस के तहत 5 लोग ही हिस्सा लेंगे और मोहर्रम के 10वें दिन ताज़िया निकालने पर भी बातचीत चल रही है जिसका हल भी निकल आयेगा।
मौलाना के प्रतिनिधि शमील शम्शी ने बाताया कि सरकार ने राजधानी समेत पूरे प्रदेश में अजादारी करने की पाबंदी को हटा दिया है। घर में ताजिया रखने पर हुई एफआइआर को भी वापस करने का आश्वासन दिया है। मजलिस मेें अभी 5 लोग ही मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सड़क और चौक पर ताजिये नही रखे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि यौमे आशूर में ताजियों के दफनाने को लेकर बाद में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परेशानी होने पर जिले के पुलिस विभाग के मुखिया से शिकायत कर सकते हैं। निगरानी के लिए सचिव गृह को नियुक्त किया गया है।