यूपी में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब अगले कार्यकाल के लिए गांवों में जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। संबंधित विभागों में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। फाइनल वोटर लिस्ट 22 जनवरी को जारी होगी। इसके साथ ही आरक्षण सूची तैयार हो रही है। झांसी जिले में 1995 से 2015 के बीच सभी 496 ग्राम पंचायतों के आरक्षण का ब्यौरा पंचायती राज विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने का काम पूरा कर लिया गया। इस बार आरक्षण मैनुअल के बजाए विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए तय हो रहा है।
सबको इंतज़ार है आरक्षण सूचि का
बता दें कि इस समय सबसे लाेग आरक्षण सूची का ही इंतजार कर रहे हैं। इसी के आधार पर तय होगा कि किस जाति का उम्मीदवार किस गांव में अपनी दावेदारी कर सकता है। क्योंकि गांव अगर आरक्षित हो गया तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसी तरह अगर गांव महिला के लिए आरक्षित हो गया तो वहां से कोई पुरुष पर्चा नहीं भर सकता।
सबसे ज्यादा विवाद सीटों के आरक्षण तय करने में होता है
पंचायत चुनाव में सर्वाधिक विवाद सीटों के आरक्षण तय करने में फंसता है। हर सीट पर प्रत्येक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के इरादे से वर्ष 1995 से चक्रानुक्रम आरक्षण व्यवस्था लागू हुई। अमूमन जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित हुई उसके अगले चुनाव में उसे छोड़, दूसरे वर्ग को वह सीट मिलनी चाहिए लेकिन, कई बार राजनीतिक एवं स्थानीय दबाव में एक वर्ग को ही सीटें आरक्षित हो जाती हैं। इस वजह से चुनाव के बाद तक विवाद बना रहता है।
विवादों से बचने के लिए पंचायत चुनाव-2020 नाम से साफ्टवेयर अपलोड किया गया
पिछले चुनावों में हुए विवादों से सीख लेते हुए पंचायती राज महकमा अब पारदर्शी व्यवस्था तैयार करने की कवायद में जुटा है। इसके लिए पंचायत चुनाव-2020 नाम से साफ्टवेयर अपलोड किया गया है। इसके लिए वर्ष 1995-2015 के बीच सभी ग्राम पंचायतों की आबादी समेतआरक्षण के ब्यौरे अपलोड कराए गए। पिछले कई दिनों से डीपीआरओ कार्यालय में इसकी फीडिंग चल रही थी, जो अब पूरी हो गई है। अधिकारियों का कहना है चुनावी प्रक्रिया आरंभ होते ही शासन के फैसले के मुताबिक साफ्टवेयर के जरिए आरक्षण तय कर दिया जाएगा हालांकि स्थानीय जरूरतों को देखते हुए दो प्रतिशत सीटों में बदलाव का अधिकार स्थानीय अफसरों को भी दिया गया है।
15 फरवरी को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की हो सकती है अधिसूचना जारी
पिछले दिनों पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह कह चुके हैं कि 15 फरवरी को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दिया जाएगा जिसके बाद मार्च के अंत या फिर अप्रैल के पहले सप्ताह में ग्राम पंचायत के चुनाव करवाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद क्षेत्र पंचायत और फिर जिला पंचायत का चुनाव करवाने पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मई में त्रिस्तरीय चुनाव सम्पन्न करा लिये जाएंगे। आबादी के हिसाब से आरक्षण का ध्यान पंचायत चुनाव में रखा जाएगा।