जांच के नाम पर केवल लीपापोती हो रही है अभी तक मुख्यचिकित्सा अधिकारी प्रयागराज ने जांच टीम के न नाम सार्वजनिक किये ,की कौन से डॉक्टर जांच कर रहे और क्या दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। न ही सीसीटीवी फुटेज सील किये गये, जबकि बच्ची की मौत अस्पताल के गेट पर हुई।
प्रयागराज। मामला यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल का है जहाँ एक मासूम को पेट दर्द पर एडमिट कराया गया था। लेकिन अस्पताल में ऑपरेशन के पूरा पैसा न जमा कराने पर बिना टांका लगाए बाहर निकाल दिया मासूम की मौत हो गई
यूपी के प्रयागराज में 3 साल की खुशी को पेट दर्द के बाद यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया,परिवार ने खेत बेचकर 2लाख दिए।5 लाख की डिमांड हुई।परिवार ना दे सका।निर्दयी अस्पताल ने बिना टांका लगाए फटे पेट के साथ उसे निकाल दिया,अस्पताल से बाहर निकालने के कुछ देर बाद ही उस बच्ची की मौत हो गई ..
इसका मतलब है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी पूरा मौका दे रहे है कि आरोपी सबूतों को समूल नष्ट कर , मैन्युफैक्चरर्ड एविडेन्स बना लें।
डॉ ऋचा सिंह ने कहा….
प्रयागराज जिला प्रशासन कौन सी जांच कर रहा है कल से , सही धाराओं में न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही अस्पताल के डायरेक्टर को नामज़द किया गया।
अभी तक यूनाइटेड मेडसिटी अस्पताल के रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी को न कब्ज़े में लिया गया, न सील किया गया??
कौन से जांच हो रही।
हम लोग माननीय मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान की मांग करते हैं।
साथ ही राष्ट्रीय बाल आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को तमाम सूचनाओं एवं साक्ष्यों के साथ पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग करते है।
इंडियन मेडिकल काउंसिल से कार्यवाही की मांग की जाती है।
यूनाइटेड मेडसिटी हॉस्पिटल सील किया जाये