रायपुर: शनिवर को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए 17 जावानों को श्रद्धांजलि देने सुकमा पहुंचे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों के परिजनों को सांत्वना दी और कहा, ‘माओवाद को प्रदेश से जड़ से उखाड़ कर रहेंगे.’ शहीद जवानों को अंतिम विदाई देने आये बघेल ने नम आंखों से कहा की जवानों की ‘शहादत बेकार’ नहीं जाएगी.
सोमवार को बघेल जब शहीदों को श्रदांजलि देने सुकमा पहुंचे तो वहां पर मौजूद मृत जवानों के परिजनों के ना रुकने वाले आंसुओं और गमगीन माहौल को देख वे भी अपनी आंखों को नम होने से रोक नही पाए. मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘मैं जवानों के हौसलों को सलाम करता हूं. जब तक नक्सल समाप्त नहीं होता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी. हमारे जवानों ने उन्हें घेरकर मारा है. ये बात सही है कि हमारे 17 जवान नहीं रहे. बड़ा नुकसान हमको हुआ है, लेकिन नक्सलियों की जड़ उखाड़ कर रहेंगे.’
अपनी सरकार का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘ हमारी रणनीति में कोई कमी नहीं, कोई
इंटेलीजेंस में चूक नहीं हुई है.’
प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा, 17 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी हम नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखेंगे. अवस्थी ने यह भी कहा, ‘हमारे जवानों ने शहादत से पहले नक्सलियों को बड़ी संख्या में मारा है. एक दो दिन में उनकी संख्या और नाम उजागर किए जाएंगे. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा. बता दें कि मारे गए जवानों के हथियार नक्सली लूटकर ले गए हैं.
अवस्थी ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ आगामी बैठक के बाद माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बदलाव किया जाएगा. इसी बैठक में नक्सलियों के खिलाफ बनाई गई रणनीति में भी बदलाव किया जाएगा साथ ही उचित दिशा निर्देश भी जारी होगा.
जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले चलाए गए इस ऑपरेशन के सवाल पर डीजीपी का कहना था कि अधिकारियों को प्राप्त सूचना और रिपोर्ट के आधार पर ही इस अभियान को चलाया गया था, चूक कहां हुई, इस पर समीक्षा की जा रही है.
नक्सली हमले में शहीद जवानों के शवों को सोमवार सुबह जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन लाया गया जहां उन्हें अंतिम सलामी दी गई. वहीं बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी समेत पुलिस के उच्चाधिकारियों ने शहीद जवानों को कंधा दिया. ज्ञात हो कि मारे गए 11 जवान सुकमा जिले के स्थानीय नागरिक थे जो कभी स्वयं माओवादी हुआ करते थे. परंतु बाद में इन्होंने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़कर राज्य सरकार द्वारा गठित डीआरजी में भर्ती होकर माओवादी विरोधी अभियान में शामिल गो गए थे.
राज्य सरकार ने 23 मार्च को सुकमा एवं बीजापुर जिलों में नक्सल अभियान में सहयोग के लिए दो विशेष अधिकारियों की ड्यूटी आगामी कुछ समय के लिए अस्थाई तौर पर लगाई है.
पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार जितेंद्र शुक्ला पुलिस अधीक्षक महासमुंद की ड्यूटी सुकमा जिले में और के एस ध्रुव सेनानी दसवीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सरगुजा की ड्यूटी बीजापुर जिले में लगाई गई है जहां इनसे नक्सली अभियानों में मदद ली जाएगी. अब देखना होगा कि कब तक ऐसे ही नक्सली हमले में जवान मारे जाते रहेंगे.
रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट