ब्रिसबेन टेस्ट जीतकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली है। इस सीरीज़ में भारतीय टीम पहला मैच बुरी तरह से हार गई थी और उसके बाद क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने कहना शुरू कर दिया था कि भारत ये सीरीज़ 4-0 से हार जाएगा।

पहले टेस्ट मैच के बाद कप्तान विराट कोहली भी पैटरनिटी लीव पर चले गए। कई खिलाडी चोटिल हुए। यह सबके बावजूद भारतीय टीम सीरीज़ जीतने में सफल रही। मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए कप्तान अजिंक्य रहेने कहा,

यह हमारी जीत के लिए बहुत मायने रखता है। मुझे मालूम नहीं है कि यह जीत कैसे बताऊं। मुझे टीम के हर साथी पर गर्व है। हम सब सिर्फ अपना बस्ता देना चाहते थे। नतीज़े के बारे में नहीं सोचना चाहते थे। जब मैं बैटिंग को गया।

तो मैंने और पुजारा ने यह तय किया कि पुजारा को अपने तरीके से खेल ज़ारी रखना चाहिए, और मुझे पेंटिंग के लिए जाना चाहिए। क्योंकि हमें पता था कि मेरे बाद ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल थे। चेतेश्वर पुजारा ने जिस शानदार तरीके से दबाव को संभाला, उसके लिए उन्हें श्रेय दिया जाना चाहिए।

गेंदबाजों को लेकर उन्होंने कहा-

मैच जीतने के लिए 20 विकेट निकालने थे। इसीलिए हम पांच पहलवानों के साथ उतरे। वाशिंगटन सुंदर ने टीम को संतुलन दिया। इससे पहले सिराज ने दो टेस्ट, नवदीप सैनी ने एक, शार्दुल ठाकुर ने एक टेस्ट खेला था जबकि टी नटराजुन डेब्यू कर रहे थे। सारा क्रेडिट उन्हें जाता है।

पहला टेस्ट मैच हारने के बाद वापसी को लेकर रहाणे ने कहा-

एडिलेड टेस्ट हारने के बाद हम उस बारे में चर्चा नहीं करना चाहते थे, कि वहां क्या हुआ। हम सिर्फ़ अच्छा खेल खेलना चाहते थे। अच्छा रवैया दिखाना चाहते थे। यह पूरी तरह से पूरी टीम की कोशिश थी।

दूसरे चीनी कप्तान रहे

3 साल पहले विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने ऑस्ट्रेलिया में तब टेस्ट सीरीज़ जीती थी जब ऑस्ट्रेलिया के 2 बड़े नाम (स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर) बैन झेल रहे थे। ऐसे में रहाणे की इस उपलब्धि को उजागर करता है।

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