वाराणसी. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। हर किसी से घरों में रहने की अपील की जा रही है। बावजूद इसके लोग गलती करने से बाज नहीं आ रहे। वाराणसी जिले में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहां अस्थायी रूप से रुप से सोनभद्र का रहने वाला एक युवक स्कूटी चलाकर मुम्बई से यहां आ गया। जिले में लाकडाउन होने के कारण वो सिर्फ एक रात यहां रुकने के बाद अपने गांव सोनभद्र पहुंच गया। बताया जा रहा है कि ये युवक पेशे से एक निजी कम्पनी में इंजीनियर है।बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार लोगों से जहां हैं वहीं सुरक्षित रहने की अपील कर रही है। इसके बावजूद लोग भागकर घर आ रहे हैं। खासकर मुंबई में रहने वाले कोरोना वायरस से अधिक भयभीत हैं। हालत यह है कि निजी कंपनी में काम करने वाला एक इंजीनियर अपनी स्कूटी से मुंबई से बनारस तक का सफर पूरा कर अपने घर पहुंच गया।इसकी जानकारी मिलने के बाद फोन पर हुई बातचीत में युवक ने बताया कि वह बनारस में रहता है। काम के सिलसिले में उसने मुंबई में भी अपना ठिकाना बना रखा है। आने के बताते हुए उसने कहा कि मुंबई में लॉक डाउन है। लोगों को घरों से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा। खाने-पीने की परेशानी को देखते हुए उसने बनारस आने का निर्णय लिया। य़ुवक ने बताया कि कोरोना वायरस से कोई खतरा न हो इसलिए उसने स्कूटी का सहारा लिया।युवक की मानें तो कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए उसे इस बात की भनक लग गई थी कि सरकार लंबा लॉकडाउन करने जा रही है। जिसके चलते वह अपनी स्कूटी से 20 मार्च को दोपहर डेढ़ बजे मुंबई से चला था। इस दौरान वह नासिक, भोपाल, उरई (जालौन) में रूका। 23 मार्च को शाम पांच बजे वह बनारस पहुंचा। यहां लाकडाउन की स्थिति के बाद वह 23 की रात को यहां रुका फिर अगले ही दिन सोनभद्र स्थित अपने गांव निकल गया। स्थिति को देखते हुए तमाम लोग अपने साधन से घरों को लौट रहे थे। ऐसे में मैंने भी घर आने का फैसला किया। मुंबई से बनारस आने में मुझे कुल 77 घण्टे का समय लगा।

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