कोरोना की तबहकरियों से इंकार नहीं किया जा सकता
लेकिन हम शायद इस के दूसरे रूप से बेखबर है।

हर सिक्के के दो पहलू होते है आइए एक नजर इस जानिब भी डालते हैं।

कोरॉना ने इंसान को दोबारा उसकी इंसानियत और अखलाक की तरफ तवज्जों दिलाई।

इसने पूरी दुनिया में ऐश – अय्याशी के मराकिज बंद करा दिए।
सिनेमा घर, नाइट क्लब , कोठे, रक़्स गाहें , शराब ख़ाने, जुवा खाने, और जिंसी बेरहरवी के मराकिज बंद करा
दिए और सूद की शराह में कमी पाई गई।

2. इसने खानदानों को एक लम्बी जुदाई के बाद इनके घरों में इकट्ठा किया।

3. इसने अजनबी मर्द औरत को एक दूसरे से मिलने और और दीगर काम अनजाम देने से परहेज़ कराया।

4. इसने सेहत के तमाम इदारों को यह बात कहने पर मजबूर कर दिया कि, दरिंदे, शराब, मुरदार जानवर , हराम चीज, खून और शिकारी परिंदे आपकी सेहत के लिए तबाही है।

5. इसने सिखाया कि छींकने का तरीका क्या है? जिस्म की सफाई किस तरह रखी जाती है?
जो हमारे नबी 1440 साल पहले ही बता चुके हैं।

6. इसने फौजी बजट का एक तिहाई हिस्सा सेहत कि तरफ मुंतकिल किया।

7. इसने दुनिया के बड़े मुल्कों के हुक्मरानों को बता दिया कि लोगों की आजादी छीनना ज़ुल्म करना और कैद करना क्या होता है।

8.इसने लोगों को दुआएं मांगने अल्लाह को राज़ी करने, अपने गुनाहों कि माफी मांगने पर मजबूर कर दिया, और मौत जो एक हकीकत है , जो सभी को आनी है जिसका एहसास लोग भूल चुके हैं ,याद दिलाया।

9.इसने दुनियाभर के बड़े कारखानों, ज़हरीली गैसों पॉल्यूशन , को कम करने की तरफ तवाज्जेह दिलाई।

10. इसने गुरूर और तकब्बुर का सर फोड़ दिया, इसे आम इंसानी लिबास पहनने पर मजबूर कर दिया।

11. इसने टेक्नोलोजी को खुदा मानने वालों को याद दिलाया को तुम्हारा असली रब ये नहीं है।

12. इसने हुक्मरानों को जेल और कैदियों की सेहत का ख्याल रखने पर तवज्जो दिलाई।

13. और सब से बड़ा कारनामा यह है के अल्लाह की वहदानियत का यक़ीन दिलाया कि करने वाली ज़ात बेशक वही है।
क़ब्र परस्ती, ये मजार, ये मरकज, और फ़िरक़ा परस्ती, इंसान को खुदा समझने वालों सब छोड़ कर तुम मेरी तरफ आओ ।

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