उत्तर प्रदेश:पंचायत चुनाव के लिए सभी राजनैतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। हालांकि दलों के बड़े नेताओं की नजर अभी आरक्षण पर टिकी हुई है। राजनैतिक दल जिला पंचायत सदस्य के समर्थित प्रत्याशी आरक्षण तय न होने के कारण घोषित नहीं कर रहे हैं। दावेदारों में वर्तमान के साथ ही नए लोग भी हैं। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार संपर्क कर रहे हैं। राजनैतिक दलों से दावेदारी करने वालों ने अब अपने आकाओं पर आरक्षण उनके पक्ष में कराने के साथ ही टिकट के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
पंचायत चुनाव फरवरी से लेकर मार्च के बीच होने की संभावना है। जिला पंचायत के साथ ही क्षेत्र पंचायत के वार्ड परिसीमन का काम लगभग हो चुका है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान के बाद उसका प्रकाशन भी हो चुका है। अब लोगों से मिली आपत्तियों का निस्तारण कराया जा रहा है। राजनैतिक दल आरक्षण के इंतजार में प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस से टिकट के लिए अभी से दावेदार सक्रिय हो गए हैं। पुराने के साथ ही नए दावेदार भी सभी दलों के बड़े नेताओं के सामने समस्या बने हुए हैं। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं के सामने दावेदार अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए पार्टी से समर्थन दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि राजनैतिक दलों के नेताओं की निगाह सीटों के आरक्षण पर टिकी हुई है।

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