अक्सर लोगों के मन में संपत्ति के बंटवारे को लेकर सवाल उठते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं मालिक की मौत के बाद संपत्ति किसकी होती है.

यदि मालिक का बिना वसीयत बनाए ही निधन हो जाता है तो मालिक की संपत्ति उसकी पत्नी और बच्चों में बंटती है.

यदि मालिक किसी को अपनी संपत्ति का नॉमिनी बनाकर गया है तो नॉमिनी एक केयर टेकर या ट्रस्टी की तरह काम करता है. नॉमिनी को सारी संपत्ति कानूनी उतराधिकारी को देनी होगी.

यदि मालिक अपनी संपत्ति का बंटवारा या फिर वसीयत बनाकर गया है तो जिसके नाम पर वसीयत है वही मान्य होगी.

यदि संपत्ति के मालिक ने कहीं निवेश किया है और नॉमिनी अपनी पत्नी या बच्चों को ना बनाकर अपने पेरेंट्स को बनाया है तो उस निवेश में मां-बाप सहित बच्चों और पत्नी का भी हक होगा.

यदि कोई मालिक अपने पीछे विधवा और पारिवारिक वंश को छोड जाता है तो एक तिहाई संपत्ति विधवा की और बाकी घर के वंशज की होगी.

मालिक के निवेश पर विधवा पत्नी अपने हक का दावा कर सकती है. बेशक वो नॉमिनी हो या नहीं.

यदि आपके नाम पर कानूनीतौर पर संपत्ति का डीड बन जाता है और शेयर सर्टिफिकेट आपका हो जाता है तो उस संपत्ति पर आपका और आपके बच्चों का कानूनी हक होगा. आपका पहला हक होने के नाते अपने जीते जी उस संपत्ति को आप किसी के भी नाम कर सकते हैं.

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