दिल्ली : फ़रवरी की 14 तारीख, इसी दिन 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था जिसमे देश ने अपने 40 जवानों को खो दिया। आज इस हमले की दूसरी बरसी है, देश हमारे जवानों के बलिदान को याद कर रहा है। 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षाबलों को ले जा रही एक बस में आईईडी लदी गाड़ी से टक्कर मारी थी, इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। आपको बता दें पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी ली थी।

जवानों को ले जा रही एक बस में 22 वर्षीय एक आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने टक्कर मारी। सीआरपीएफ के इस काफिले में कुल 78 बसें शामिल थी जिसमे लगभग 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे।
2020 में किया गया था स्मारक का उद्घाटन
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की सिर्फ आलोचना नहीं की, इसके बाद पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर एयरस्ट्राइक हमला किया। इसके बाद भारत ने पकिस्तान से MFN ( मोस्ट फेवर्ड नेशन ) का दर्जा भी वापस लिया। भारत के अलावा पूरी दुनिया ने पाकिस्तान की आलोचन की और भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मजबूत समर्थन व्यक्त किया।

हमले में शहीद हुए सभी 40 जवानों के नाम वाले स्मारक का उद्घाटन 14 फरवरी, 2020 को पुलवामा के सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र में किया गया था। इस स्मारक में सभी 40 जवानों के नाम उनकी तस्वीरें और सीआरपीएफ का आदर्श वाक्य – ‘सेवा और निष्ठा’ (सेवा और वफादारी) अंकित है।
जवानों की शहादत को CRPF का सलाम – अपने जवानों को याद करते हुए CRPF ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा।