Pratapgarh- पट्टी सर्कल के कंधई थाना क्षेत्र के पिपरी खालसा निवासी इन्द्र कुमार दुबे उर्फ गुड्डू को पुलिस टीम ने चिलबिला में धर दबोचा, मुम्बई से चल रहा था फरार
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और मुम्बई पुलिस ने गोरेगांव क्षेत्र से फरार असलहा तस्कर इन्द्र कुमार दुबे उर्फ गुड्डू को सोमवार 15 फरवरी 2021 को प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मुम्बई के गोरेगांव क्षेत्र से फरार असलहा तस्कर इन्द्र कुमार दुबे उर्फ गुड्डू को क्राइम ब्रान्च मुम्बई और एसटीएफ की टीम ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए प्रतापगढ़ जिले के चिलबिला चौकी के पीछे, अमेठी रोड से प्रात: 09:25 बजे गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार असलहा तस्कर इन्द्र कुमार प्रतापगढ़ के कंधई इलाके के पिपरी खालसा का रहने वाला है।
पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल, दो मैगजीन, कुछ कारतूस, मोबाइल आदि बरामद किया है। इन्द्र कुमार मुम्बई के गोरेगांव के कई मामलों में वांछित चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी के लिए मुम्बई पुलिस ने एसटीएफ से अनुरोध किया था। एसटीएफ की एक टीम उपनिरीक्षक करूणेश पाण्डेय के नेतृत्व में गठित कर सूचना संकलन के लिए लगाई गई थी। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ पर बताया कि मुम्बई में असलहा बेचने वाले तस्कर उससे हथियार ले जाते है और बेचते है।
फौज के भगोड़ा एजाज के साथ करता था तस्करी
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इलाहाबाद के कीडगंज से एक अन्य असलहा तस्कर एजाज को गिरफ्तार कर उसके पास से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए हैं। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि इलाहाबाद के कीडगंज इलाके से रविवार की शाम अन्तर्राज्यीय असलहा तस्कर गिरोह के एक सदस्य एजाज अहमद को गिरफ्तार कर उसके पास से चार पिस्टल 32 बोर, एक पिस्टल 30 बोर, सात मैगजीन, पांच देशी पिस्तौल, सेना का पहचान, मतदाता पहचान और रेलवे टिकट प्रतापगढ़ जंक्शन से भागलपुर जंक्शन के अलावा दो मोबाइल फोन और कुछ नगदी बरामद की गई है।
एजाज ने पूछताछ पर उसने बताया कि वह पिछले तीन-चार वर्षों से असलहों की तस्करी का धन्धा कुख्यात अपराधी अली के लिए करता रहा है। वह 20-12-2008 को सेना में क्लर्क के पद पर भर्ती हुआ था। और वर्ष-2012 में किश्तवाड़, जम्मू कश्मीर से 10 दिन का अवकाश लेकर घर आया था और उसके बाद वापस नहीं गया और तभी से भगोड़ा हो गया। वह भर्ती के समय प्राप्त सेना के पहचान-पत्र का प्रयोग असलहा तस्करी के दौरान करता है। किसी के पूछने पर स्वयं को सेना का जवान बताता है। सेना से वापस आने पर वह खेती का कार्य करता रहा। इसी दौरान उसकी मुलाकात पिपरी निवासी इन्द्र कुमार दुबे से चिलबिला में हुई।
इन्द्र कुमार दुबे ने उससे कहा था कि यदि मुुुंगेर, बिहार में कोई पहचान का आदमी हो तो दोनो मिलकर असलहों की तस्करी कर अच्छा पैसा कमा लेंगे। इस पर मुंगेर, बिहार निवासी प्रभाकरनाथ यादव, जो उस समय सेना में ही था, से सम्पर्क किया। प्रभाकर नाथ ने उसकी मुलाकात जमालपुर, बिहार निवासी पिन्टू सिंह से करायी। पिन्टू सिंह से वह 13,000 में पिस्टल और तीन हजार में देशी तमंचा लाकर इन्द्र कुमार दुबे को 22,000 में पिस्टल तथा 500 प्रति तमंचा के हिसाब से देता है। पुलिस उसके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
रानीगंज थाना क्षेत्र के रामदेव पट्टी का रहने वाला है एजाज
जम्मू-कश्मीर से 2012 में हुआ था फरार
एजाज के अपराध जगत में आने की कहानी शुरू होती है सन 2008 में। जब 20 दिसंबर 2008 को सेना के आर्टलरी सेंटर हैदराबाद में एक युवक की बतौर क्लर्क तैनाती हुई। यह युवक था एजाज अहमद। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में रानीगंज थाना क्षेत्र का रामदेव पट्टी गांव का रहने वाला यह युवक बचपन से ही मुंगेरी लाल के सपने देखता था। पिता सइदुद्दीन की फटकार के बाद इसने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल किया और सेना की परीक्षा पास कर क्लर्क बन गया।
यहां से उसका ट्रांसफर 2011 में जम्मू-कश्मीर हो गया। एजाज को फौजी की सख्त जिंदगी जीनी पड़ रही थी और सीमित पैसा मिल रहा था। उसे यह बिल्कुल नहीं पसंद था। क्योकि उसका ख्वाब बहुत पैसा कमाना था। सेना से उसने वह सबकुछ सीख लिया था। 2012 में 11आर-आर बीएन किश्तवाड़ में पोस्टिंग के दौरान उसने अपने शातिर दोस्तों से वापस लौटने की बात बताई। किश्तवाड़ से वह 10 दिन का अवकाश लेकर निकला था और फिर दोबारा लौटकर नहीं गया।
सेना ने उसकी पड़ताल की। घर संदेशा भेजा। कुछ लोकल इनपुट भी हासिल किये और जब एजाज के वापस लौटने की उम्मीद नहीं थी तो उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। विभागीय जांच के बाद सेना की ओर से एजाज को बर्खास्त कर दिया गया।
कई राज्यों में करता था आन डिमांड सप्लाई
पुलिस के अनुसार, एजाज ने सेना से भागने के बाद अपना नेटवर्क बनाना शुरू किया और मात्र एक साल में वह देश के कई राज्यों में आॅन डिमांड सप्लायर बन गया। असलहों की मांग पर वह रात के अंधेरे में सप्लाई करता और गायब हो जात। एजाज के लिये उसे उपलब्ध कराना बहुत आसान था। उसके इस गोरखधंधे में पिपरी निवासी इन्द्र कुमार दुबे, मुंगेर बिहार का कालिया, जमालपुर का पिन्टू सिंह से जैसे बड़े नाम भी शामिल हो गये। एजाज पूरे भारत में अवैध असलहों का सबसे बड़ा सौदागर बनना चाह रहा था इसलिये वह आदमियों पर भरोसा नहीं करता था और खुद सारे काम अंजाम देता।
एजाज प्रतापगढ़ से इलाहाबाद असलहा सप्लाई करने आया था। एजाज के झोले की तलाशी ली गई तो उसमें चार 32 बोर के पिस्टल, एक 30 बोर का पिस्टल और पांच 315 बोर के 5 तमंचा, एक मैगजीन और सेना का आईकार्ड बरामद हुआ। पुलिस के अनुसार एजाज ने बताया कि भर्ती के समय प्राप्त सेना का पहचान-पत्र का इस्तेमाल करके वह असलहा तस्करी का काम करता था। जब कोई पूछता था तो सेना का जवान बताकर बच निकलता था।