रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कर्नाटक के डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. बैंक अब कोई नया लोन जारी नहीं कर सकेगा. कोई नया डिपॉज़िट भी नहीं ले सकेगा. यही नहीं, इस बैंक के ग्राहक अपने अकाउंट में से एक हज़ार रुपये से ज़्यादा रकम भी नहीं निकाल सकेंगे. फिलहाल ये प्रतिबंध छह महीने के लिए लगाए गए हैं. RBI ने कहा है कि इस प्रतिबंध का मतलब, बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं है.

RBI ने कहा कि इस सहकारी बैंक की आर्थिक हालत सही नहीं होने के कारण उस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. 19 फरवरी 2021 से लेकर आने वाले छह महीने तक प्रतिबंध लागू रहेंगे लेकिन इन प्रतिबंधों का अर्थ बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं है. बैंक में रोज़ाना की तरह काम होगा. बैंकिंग सेवाएं जारी रहेंगी. 6 महीनों के बाद बैंक की समीक्षा की जाएगी और फिर आगे के लिए फैसले लिए जाएंगे.

प्रतिबंधों के बाद डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जिन लोगों के करंट या सेविंग अकाउंट हैं, वो लोग भी अपने अकाउंट से फिलहाल केवल एक हजार रुपये तक की धनराशि ही एक बार में निकाल पाएंगे. बैंक फिलहाल किसी को कोई नया लोन नहीं देगा. RBI का कहना है कि बैंक को डूबने से बचाने के लिए ये फैसला किया गया है. RBI ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा बैंक में पूरी तरह सुरक्षित है.

18 फरवरी को RBI ने डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के CEO को निर्देश दिया कि वे किसी तरह का कोई भुगतान ना करें, भले ही फिर वो देनदारी चुकाने वाला ही भुगतान क्यों ना हो. RBI ने अपने बयान में कहा कि इस बैंक के 99.58% ग्राहकों को DICGC यानी जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम की ओर से बीमा लाभ दिया जाएगा. आपको बता दें कि इस बीमा के तहत ग्राहक को अपने जमा पैसे पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है.

इससे पहले RBI ने यस बैंक, PMC बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और मांठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भी कुछ पाबंदियां लगाई थीं. RBI का कहना है कि पाबंदियों से डरने की जरूरत नहीं है और अगले कुछ वक्त में बैंक की वित्तीय हालत में सुधार हो सकता है.

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