दिल्ली।नया वित्त वर्ष कल एक अप्रैल, 2021 से शुरू होने जा रहा है। इस दिन से कई नए नियम लागू होने वाले हैं, जबकि कुछ बदलने वाले हैं नया वेज कोड लागू होने के अलावा सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक पीएफ जमा पर मिला ब्याज टैक्स के दायरे में आ जाएगा। कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा इन बदलावों का सीधा आपकी जेब पर असर पड़ने वाला है।
1. 1 अप्रैल से नया वेज कोड लागू होने जा रहा है, जिसका असर आपकी सैलरी स्ट्रक्चर पर पड़ सकता है नए वेज कोड में पीएफ और ग्रेच्युटी के तहत जमा होने वाली रकम को बढ़ाया जाएगा, जिससे आपकी इन हैंड सैलरी कम हो सकती है कर्मचारी को दिया जाने वाला भत्ता कुल वेतन से 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता, कंपनियों को इसे सुधारने के लिए बेसिक सैलरी बढ़ानी होगी, जिससे पीएफ और ग्रेच्युटी की रकम में इजाफा होगा।
2. आयकर के नए प्रावधानों के मुताबिक, 1 अप्रैल से कर्मचारी भविष्य निधि में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के जमा पर मिला ब्याज अब कर के दायरे में आएगा इसका मतलब अगर आपने 3 लाख रुपये सालाना जमा किया है तो 50 हजार रुपये पर ब्याज से होने वाली कमाई पर स्लैब की दर से टैक्स लगेगा, 2 लाख रुपये प्रतिमाह से ज्यादा वेतन वाले कर्मचारी इसके दायरे में आ सकते हैं।
3.कर्मचारियों की सहूलियत के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है. आयकर विभाग नए वित्त वर्ष से पहले से भरा आईटीआर फॉर्म मुहैया कराएगा।
4. 1 अप्रैल से 75 साल से अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने से छूट दी जाएगी. इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा, जिनकी आय सिर्फ पेंशन और एफडी के ब्याज से होती है।
5. रिटर्न भरने को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्रोत पर कर कटौती नियमों को सख्त कर दिया है अब आयकर की धारा 206एबी के तहत जो रिटर्न नहीं भरेगा, उसे 1 अप्रैल के बाद दोगुना टीडीएस भरना पड़ेगा।
6. देना बैंक, विजया बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक और इलाहाबाद बैंक के पुराने चेकबुक 1 अप्रैल, 2021 से मान्य नहीं होंगे। इनका अन्य बैंकों में विलय हो चुका है, जो नई चेकबुक जारी कर चुके हैं। सिंडीकेट बैंक की चेकबुक 30 जून, 2021 तक मान्य होगी, जिसका विलय केनरा बैंक में हुआ है। ज्यादा जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18001802222/ 18001032222 पर कॉल भी कर सकते हैं।
7. बिजनेस-टू-बिजनेस कारोबार के तहत 1 अप्रैल से ऐसे सभी कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा, जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है. इसके दायरे में करीब 90 लाख कारोबारी आएंगे।
8.आपका खाता डाकघर में है तो नए वित्त वर्ष के पहले दिन से जमा या निकासी के अलावा आधार आधारित पेमेंट सिस्टम पर शुल्क देना होगा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के मुताबिक, यह शुल्क फ्री लेनदेन की सीमा खत्म होने के बाद लिया जाएगा।
9.1 अप्रैल से नॉन-सैलरीड क्लास लोगों जैसे फ्रीलांसर्स, टेक्निकल सहायक आदि की जेब पर अतिरिक्त टैक्स की मार पड़ने वाली है अभी ऐसे लोगों को अपनी कमाई से 7.5 फीसदी टीडीएस देना होता है, जो अब बढ़कर 10 फीसदी हो जाएगा।
10. 31 मार्च तक पैन और आधार को आपस में नहीं जोड़ने पर 1 अप्रैल से आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा. इसके बाद आप खाते से बड़ा लेनदेन या कर्ज के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।