हामिद इब्राहिम की ख़ास रिपोर्ट
अधिवक्ता के घर पर पुलिस ने किया तांडव, घरवालों से मारपीट और तोड़फोड़
-घर से पैसे आभूषण भी उठा ले गई पुलिस, बच्चों से भी मारपीट
- पीड़ित अधिवक्ता की मां ने डीजीपी, मानवाधिकार आयोग तथा बार काउंसिल को दिए पत्र
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश। चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा मामूली बातों पर वोटरों को मारपीट कर भगाने का विरोध करना अधिवक्ता को महंगा पड़ गया। पहले तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई, उसके बाद घर जाकर परिजनों से मारपीट और तोड़फोड़ भी की गई। इस आशय का शिकायती पत्र पीड़ित अधिवक्ता की मां ने डीजीपी उत्तर प्रदेश तथा मानवाधिकार आयोग से किया है।
राजापुर, कंधई, जनपद प्रतापगढ़ निवासी साजिदा बेगम पत्नी स्वर्गीय मोबीन के मुताबिक उनका बेटा शुजाअत उल्लाह जनपद न्यायालय तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करता है। आरोप है कि पंचायत चुनाव में शुजाअत उल्लाह अपने रिश्तेदार जिला पंचायत प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रहा था इस दौरान मझानीपुर बेलखरनाथ धाम बूथ पर पुलिस कर्मियों द्वारा वोटरों को मारपीट कर भगाने का मामला दिखा। साजिदा बेगम के मुताबिक शुजाअत उल्लाह ने इसका विरोध किया तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। इसी क्रम में 20 अप्रैल को आधी रात कंधई थानाध्यक्ष हमराही पुलिस कर्मियों के साथ उनके घर आए और सुजाअत की तलाश करने लगे। इस दौरान पुलिस वालों ने घर में रखे टीवी, फ्रिज, अलमारी और दरवाजे तोड़ दिए। आरोप है कि लगभग 8 तोला आधा किलो चांदी के जेवर और 47 हजार से अधिक रुपए निकाल लिए। खाने का सामान बाहर फेंक दिया। उनकी बेटियों साजिया खातून और शबनम शुजाअत का मोबाइल छीन लिया एवं उनको भी मारपीट कर बेहोश कर दिया। छोटे मासूम बच्चे असद एवं आयरा को भी उठा कर बिस्तर पर नीचे फेंक दिया गया। इस आशय का शिकायती पत्र पीड़ित की माता साजिदा बेगम ने डीजीपी, मानवाधिकार आयोग, अध्यक्ष बार काउंसिल तथा एसपी प्रतापगढ़ से किया है। पीड़िता ने मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।