राजधानी के शमशान घाटों में हुई लकड़ी की कमी, नगर निगम ने राज्य के वन विभाग से मांगी मदद
देश की राजधानी में इन दिनों हाहाकार मचा हुआ है जहां एक तरफ मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है वहीं मरने के बाद अब शमशान घाटों में लकड़ियों की कमी होने लगी है दरअसल लगातार हर दिन कोविड मरीजों की मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से नगर पालिका के श्मशान घाटों में लकड़ी की कमी होने लगी है. इस वजह से अब नगर निगम ने राज्य के वन विभाग से मदद मांगी है
जानकारी के मुताबिक नगर पालिका की एजेंसियों ने लकड़ी की व्यवस्था करने के लिए राज्य के वन विभाग से संपर्क किया है इस समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सूखे गोबर को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाए वहीं दूसरी लहर के आने से पहले शहर के सबसे बड़े निगमबोध घाट श्मशान घाट में हर दिन 6000,8000 किलोग्राम लकड़ी की जरूरत होती थी, लेकिन अब 80000,90000 किलोग्राम लकड़ी की जरूरत हर दिन होती है
कोरोना की दूसरी लहर में श्मशान घाटों पर बड़ी तादाद में पहुंच रहे शवों के चलते अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ रही है। शहर के लकड़ी ठेकेदार इस जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अब दूसरे जिलों से लकड़ी मंगाई जा रही है। नगर निगम अब तक करीब नौ हजार क्विंटल लकड़ी वन के कई जिलों के प्रभाग से मंगा चुका है। यही नहीं अंतिम संस्कार का खर्च बढ़ने से नगर निगम के पास बजट की भी कमी हो गई है। इसलिए उसने शासन से 20 करोड़ रुपये की मदद भी मांगी है।