वफादारी क्या होती है- इस बेजुबान से सीखेंः कुत्ते ने मालकिन का कराया अंतिम संस्कार!

बिहार के गया जिले से भावुक कर देने वाली खबर सामने आयी है। यह खबर एक कुत्ते की वफादारी से जुड़ी है। जिसे पढ़कर आपको फिल्म ‘तेरी मेहरबानियां’ के वफादार कुत्ते की बरबस याद आ जाएगी।फिल्म में कुत्ते के मालिक को कुछ गुंडे मार देते हैं, जिसका बदला बाद में वफादार कुत्ते लेता है। कुछ इसी तरह का वाकया गया में भी देखने की मिला है।
5 दिन तक करता रहा लौटने का इंतजार

कुत्ता अपनी मालकिन की मौत के बाद न सिर्फ श्मशान घाट में अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, बल्कि जहां उसकी मालकिन की चिता जलाई गई थी, वह वहां चार से पांच दिन तक भूखा प्यासा रह कर अपनी मालकिन के लौट के आने का इंतजार करता रहा। इस दौरान कई लोगों ने कुत्ते को वहां से हटाना चाहा, लेकिन कुत्ते ने भोंकते हुए सभी को भगा दिया।

क्या है पूरा मामला

कुत्ते की वफादारी की यह कहानी गया जिले के शेरघाटी अनुमंडल के शहर के सत्संग नगर में रहने वाले भगवान ठठेरा नामक व्यक्ति की पत्नी की मौत से जुड़ी है. बताया गया है कि बीते 1 मई को भगवान ठठेरा की पत्नी की मौत हो गई थी. मृतका का राम मंदिर घाट पर मोहर नदी के पास अंतिम संस्कार किया गया था. अंतिम संस्कार में परिजनों के साथ उनका कुत्ता भी आया था. अंतिम संस्कार के प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद सब लोग लौट गए, लेकिन कुत्ता वहीं बैठा रहा, जो पिछले 5 दिनों तक भूखा प्यासा बैठा रहा।

कुत्ते ने नहीं खाया खाना
इसके बाद जब लोगों को इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं नजर आया तो कुछ लोगों ने कुत्ते को खिलाने के लिए खाना भी रखा, लेकिन कुछ खाया नही, तब सभी लोग वापस लौट गए. हालांकि पांचवें दिन यह कुत्ता दिखाई नहीं दिया.

कुत्ते की बहुत केयर करती थी महिला

लोगों ने बताया कि जिस महिला की मौत हुई है, वो गली के ही एक कुत्ते को प्यार से खाना खिलाया करती थी. दिन हो या रात कुत्ता को खाना खिलाने के बाद ही वह खाना खाती थी, जब कभी दूसरे मोहल्ले में कुत्ता चला जाता था और उसको लौटने में देर हो जाती थी तो वह काफी चिंतित हो जाती थी।यही कारण है कि कुत्ता भी उन्हें काफी प्यार करता था। हमेशा उनके पास ही रहा करता था।

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