उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर गांवों में तेजी से फैल रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बार कुल संक्रमितों में करीब 50 फीसद से अधिक गांवों से आ रहे हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटे थे। उस समय उन्हें क्वारंटीन किया गया था और उनकी जांच की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन इस बार मामलों में बेतहाशा वृद्धि होने के बावजूद न ही क्वारंटीन की व्यवस्था की गई न ही कोई जांच की व्यवस्था की गई। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना के गांव में फैलने के पीछे सरकार की राजनीति है जिससे इस बार उतनी कड़ाई नहीं दिख रही है और लोग लापरवाह हो गए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी बाहर से लोग आए और किसी भी तरह की सरकार के पास कोई सुविधा नही थी जिसका नतीजा ये निकला कि गाँव मे कोरोना के मरीज में 70% की बढ़ोत्तरीय देखने को मिल रही

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