39संसदीय क्षेत्र के सांसद संगम लाल गुप्ता जी को नहीं आता शोक संवेदना और श्रद्धांजलि देना। मृत आत्मा के पति जो जीवित हैं,उन्हें भी जिंदा रहते दे दिया श्रद्धांजलि

प्रतापगढ़ सांसद महोदय मौत महिला की हुई है और श्रद्धांजलि पिता जी की दे रहे हैं। श्रद्धांजलि के लिए घर पर लगी फोटो बता रही है कि मौत महिला की हुई है, पुरुष की नहीं। फिर आप जिंदा पिताजी को भी मार दिए

जनप्रतिनिधियों को पढ़ा लिखा होना बहुत आवश्यक होता है। अन्यथा प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता की तरह प्रतिनिधियों के भरोसे सभी कार्यो पर निर्भर होंगे तो ऐसी गलतियां होती रहेगी। सांसद जी की स्क्रिप्ट कोई लिखता है, जिसे सांसद जी संसद के सत्र में मौका पाते ही बिना नजर हटाये लिखी स्क्रिप्ट को बुलेट एक्सप्रेस की तरह पढ़कर खत्म करते हैं,अपना पक्ष

ताज्जुब की बात है कि पवन गुप्ता को सांसद संगम लाल गुप्ता अपनी फेसबुक वाल पर प्रतिनिधि भी लिखा है। वह किसके प्रतिनिधि हैं,यह नहीं स्पष्ट किया है। जब सांसद जी से जुड़े ब्यक्ति के माताजी और पिताजी में सांसद जी को अंतर नहीं समझ में आ रहा है तो सांसद जी संसद भवन में क्या करते होंगे ? वहाँ की बातें तो सांसद संगम लाल गुप्ता जी सिर के ऊपर से निकल जाती होंगी

सांसद जी, आप जब सदर के विधायक निर्वाचित हुए थे, तभी आपका कार्यालय जो बना था,वो हाईटेक कार्यालयों में से एक रहा। अब तो 4वर्ष से अधिक समय बीत गए। छः माह बाद वर्ष-2022 के चुनाव की तैयारी भी शुरू हो जाएगी। आप अपना 5वर्ष का आंकलन कर लीजिये तो आपको भी लगेगा कि आप वास्तव में एक एक्सीडेंटल जनप्रतिनिधि ही हो। जो बिना मेहनत किये हवा में भाग्य भरोसे बन गए विधायक और सांसद

जनप्रतिनिधियों के यहाँ होती है,प्रतिनिधि बनने की होड़। सांसद प्रतापगढ़ के यहाँ विधानसभा वार नियुक्त हैं, प्रतिनिधि। मीडिया प्रभारी, स्क्रिप्ट राइटर, विधिक सलाहकार, सोशल मीडिया प्रभारी, निजी सचिव, प्रयागराज मंडल का प्रभारी, राजधानी लखनऊ के कार्य देखने के लिए प्रदेश प्रभारी, कटरा स्थित संसदीय कार्यालय का प्रभारी, राजधानी दिल्ली में पार्टी से मिले निजी दो सचिव अलग से नियुक्त हैं। सैलून में मसाज और बाल कटिंग एवं सेविंग प्रभारी सहित जितने विभाग उतने प्रभारी हैं,नियुक्त। फिर भी इतनी बड़ी-बड़ी हो रही हैं,सांसद संगम लाल गुप्ता के यहाँ गलतियां

राजदार….!!

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